बुधवार, 18 जून 2014

अन

अन1— सं. पौधों से उत्पन्न होने वाले वे दानें जिसे भोजन के रूप में ग्रहण किए जाते हैं(चावल, गेहूँ, दाल आदि)। 

अन2— वि. दूसरा, कोई और, अन्य, जैसे ‘अनगइहाँ’। 

अन3— क्रि.वि. बिना, बगैर, रहित, जैसे ‘अनचाहित’। 

अन4— उप. एक उपसर्ग जो भाववाचक संज्ञा या क्रिया के पहले लगकर अभाव या विपरीत भाव सूचित करता है, जैसे ‘अनभरोसी, अनदेखना’।

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भारतीय गणना

आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!