मंगलवार, 15 जुलाई 2014

आँखी फरकना

आँखी फरकना : संका होना। (आशंका होना)

घूमे ला जाए बर तो महूँ ला बड़ मनइस फेर आँखी फरकत रिहिसे, तेकर पाय के नइ गेंव।

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आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!