रविवार, 17 अगस्त 2014

कान ला कउवाँ लेगना

कान ला कउवाँ लेगना : बिन बिचारे बुता करना। (बिना बिचारे कार्य करना)

एक झन भाई हा मुरूख होगे ते होगे फेर ते तो पढ़े-गुने हस, तोर कान ला काबर कउवाँ लेगे, तेला तो बता?

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भारतीय गणना

आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!