रविवार, 14 सितंबर 2014

गाय नइते गाय के धरसा देखना

गाय नइते गाय के धरसा देखना : खोज-खभर लेना। (यथावत)

लोग-लइका मन मँड़ई गेहें, मुँधियार होगे आए नइ हें। एकरे सेती गाय नइ ते गाय के धरसा देख लेथों कहिके निकले हँव।

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आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!