शनिवार, 14 नवंबर 2015

घोर-घोर के गोठियाना

घोर-घोर के गोठियाना : एक ठन बात ला घेरी-बेरी गोठियाना। (एक ही बात को बार-बार बोलना)
बिसाहिन हा दिल के सप्फा हे फेर घोर-घोर के गोठियाथे, इही आदत के सेती ओला कोनो नइ भाए।

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आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!