रविवार, 17 मई 2015

घाव मा निमक डारना :

घाव मा निमक डारना : दुखहा मनसे ला अउ दुख देना। (दुखी व्यक्ति को और यंत्रणा देना)
कछार चक ला पटइल बिसइस ते बिरोधी मन बर घाव मा निमक डारे कस होगे।

घाल देना

घाल देना : पेरना। (बाधा डालना)
बड़े गुरूजी हा आके अइसे बइठिस ते संझा जुआर के बुतच ला घाल दिस।

घाम खाना

घाम खाना : (i) घाम तापना। (धूप से शरीर की सेकाई करना)
अब्बड़ जाड़ लागत हे थोरकिन महूँ ला घाम खान दे।
(ii) घाम मा झुरोना। (धूप से सुखाना)
कपड़ा मन ला थोकिन अउ घाम खान दे तब सकेलबे।

घानी कस बइला किंजरना :

घानी कस बइला किंजरना : च मरछौंकन मा फँसना। (जल्दी समाप्त न होने वाली उलझन में फँसना)
बाबू के अगोरा मा अपन परिवार ला झन बढ़ा मंगलू, मँहगई के जबाना ए, घानी कस बइला किंजर जबे।

घाट-घाट के पानी पीना

घाट-घाट के पानी पीना : हर किसम ले अनभवी होना। (हर प्रकार से अनुभवी होना)
काली के लइका हमला सिखाए बर आए हे। एला का मालुम हमू हा घाट-घाट के पानी पी के बइठे हन।

घाँठा परना या मरना

घाँठा परना या मरना : आदी होना। (अभ्यस्त होना)चोर-चंडाल ला लाज-बीज के का डर, घेरी-बेरी जेल जा-जा के उँकर घाँठा मर जाए रथे।

घर हा खाए बर धरना

घर हा खाए बर धरना : घर निच्चट सुन्ना अउ डरडरावन लागना। (घर एकदम सुनसान और भयावना लगना)
लइका मन अपन दाई संग ममा गाँव चल दे हें। एके झन हाबों ते घर हा खाए बर धरत हे।

घला जाना

घला जाना : पेरा जाना (बाधित होना)
लकड़ी-नाँगर के का ठिकाना, कहूँ टूटगे ते दू-तीन दिन घला जथे।

घर ला फूँकना

घर ला फूँकना : पूँजी ला नास करना। (संपत्ति का नाश करना)
ददा-बबा के कमाए बहुँत पूँजी-पसरा रिहिसे। ये टूरच हा जुआ-मंद मा घर ला फूँक डरिस।

घर फूँक के तमासा देखना

घर फूँक के तमासा देखना : थोरकिन सुख पाए बर अपन घर ला बरबाद करना। (थोड़ा
सा सुख पाने के लिए अपना घर बबार्द करना)
पढ़े-लिखे खोरकिंजरा मन घर फूँक के तमासा देखइया ताँय।

घर ला जमाना :

घर ला जमाना : पूँजी बनाना। (यथावत)
कुछु नइ रही तिहाँ ले हुसियार लइका हा अपन घर ला जमा डरथे।

घर ला घालना

घर ला घालना : (i) घर के धन-दौलत ला खुहार करना। (घर की संपत्ति बर्बाद करना)
एकर बड़े बेटा तो जुआड़ी हे, घर ला बरबाद करत हे।
(ii) पुरखा के मान-सनमान ला मेंटना। (पुर्वजों की मान-मयार्दा नष्ट करना)
जेकर घर कपूत पैदा होगे ओ तो घर ला घाल डारथे।

भारतीय गणना

आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!