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रविवार, 3 जुलाई 2016

ट्रैक्टर और बैल नहीं मिले, तो अपनी खाट से ही खेत को जोत दियाअपनी खाट से ही खेत को जोत दिया

आश्चर्यजनक ! ट्रैक्टर और बैल नहीं मिले, तो अपनी खाट से ही खेत को जोत दिया

लोगों को हमेशा आपने अपने ट्रैक्टर या फिर बैल से खेत को जोतते हुए आपने जरूर देखा ही होगा। हरियाणा के कुछ गाँवों में शायद कुछ नया करने की तलाश में रहने वाले किसानों को ट्रैक्टर और बैल के बजाय अपनी बाइक की मदद से खेत को जोतते देखा होगा, लेकिन क्या कभी किसी किसान को अपनी खाट से खेत जोतते हुये देखा है। निश्चित तौर पर नहीं देखा होगा। 

विषम परिस्थितियों से कैसे तालमेल बनाया जाता है, इस गरीब किसान ने अपने बुलंद हौसले से साबित कर दिया। आइये बताते हैं कैसे- 

एक तरफ जहाँ सूखाग्रस्त महराष्ट्र में किसान अपनी जिंदगी से हार मानकर खुदखुशी कर रहे हैं वहीं पर महाराष्ट्र के बुद्रूक गाँव के इस गरीब किसान के पास जोतने के लिए औजार न होने पर अपनी खाट पर एक बड़ा सा पत्थर बाँध कर करीब 3 एकड़ खेत को जोत डाला। 

महाराष्ट्र के जलगाँव जिले के खिड़की बुद्रूक गाँव के किसान ‘‘विठोबा मांडोले’’ इलाके के कई खेतों में मजदूरी करके अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करता है मजदूरी से खर्च नहीं निकलने पर एक खेत को किराये पर ले लिया। खेत किराये पर तो मिल गया पर अब भी एक समस्या उसका पीछा कर रही थी – और वो थी खेत की जुताई। 

आर्थिक तंगी के कारण विठोबा के पास खेत को जोतने के लिए ना तो कोई बैल थे या ना ही औजार लेकिन उसने हार नहीं मानी और अपनी खाट पर एक बड़ा सा पत्थर बाँधकर ही करीब 3 एकड़ खेत को अपनी मेहनत और सूझबूझ से जोत डाला। 

उनके इस हौसले भरे कदम को लेकर विठोबा के इस साहसिक कदम की फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। विठोबा के इस हौसले से एक सीख मिलती है कि काम को अगर कोई करना चाहे, तो रास्ते मिल ही जाते हैं। ऐसे किसान को को हमारा सलाम…!

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आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!