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शुक्रवार, 9 सितंबर 2011

महिला साक्षरता एवं आर्थिक सशक्तिकरण


नाबार्ड के सौजन्य एवं सहयोगी जनकल्याण समिति गुण्डरदेही के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर प्रेरणा सम्मेलन का आयोजन दिनांक 8 सितम्बर 2011 को सामुदायिक भवन गुण्डरदेही में आयोजित किया गया जिसके मुख्यअतिथि श्री डी.आर.साहू, सी.ई.ओ. जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित दुर्ग एवं विशेष अतिथि श्री प्रमोद जैन पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने मॉं सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया । शमशाद बेगम ने महिला साक्षरता एवं आर्थिक सशक्तिकरण पर प्रकाश डालते हुए कहा- महिला बेटी व बहू के रूप में दोनों परिवारों को तारती है साथ ही महिलाओं का आर्थिक स्तर पर भी साक्षर होना बहुत ही आवश्यक है इसके लिए यह जरूरी है कि उनमें संगठन क्षमता हो, बैंक लिंकेज हो तथा व्यवसायिक गुण भी उनके अंदर समाहित हो । महिलाएँ बाहरी संस्था या एजेंसी के चक्कर में न पड़े वे सीधे बैंक से संबंध बनायें और उसका भरपूर लाभ उठायें । श्री प्रमोद जैन ने समिति के कार्यों से प्रभावित होना बतलाते हुए कहा- गुण्डरदेही विकासखंड की महिलाशक्ति से कलेक्टर महोदय बहुत प्रभावित हैं मैं इस मंच के माध्यम से महिलाओं को अपने संगठन क्षमता को बनाये रखनें की अपील करता हूँ और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में तेजी से अग्रसर होने के लिए एकमात्र बैंक का ही रास्ता चुननें की सलाह देता हूँ आप सभी को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ । घनश्याम दास बैरागी ने कहा साक्षरता के माध्यम से महिलाएँ संगठित हुई उनको पालने-पोसने का काम समिति द्वारा सन् 2006 से लगातार किया जा रहा है । अब वक्त आ गया है कि हमारी ग्रामीण आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ें और रोजगार कार्य करें जैसे- साबुन निर्माण, वॉशिंग पाउडर, टेंट, शामियाना, बड़ी, पापड़, आचार बनाना साथ ही साथ शासन-प्रशासन को सहयोग करते हुए मध्यान्ह भोजन एवं रेडी-टू-इट का  संचालन भी करें । महिलाओं के अधिकारों एवं विचारों को आज महत्व दिया जा रहा है क्योंकि वे घर का संचालन करती है, जब वे आर्थिक रूप से सशक्त होंगी तभी वे आर्थिक आजादी प्राप्त कर सकेंगी और उन्हें पूर्णतः सम्मान मिलेगा । श्री डी. आर. साहू सी.ओ. जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित दुर्ग ने कहा- बेटा-बहू की कुण्डली मिलाई जाती है इसके साथ ही सास और बहू की कुण्डली भी मिलाना चाहिए । यह भी साक्षरता की एक सीढ़ी मानी जानी चाहिए क्योंकि यह सब एक-दूसरे के पूरक हैं । मैं इस साक्षरता दिवस के अवसर पर यह अपील करता हूँ की महिला आर्थिक रूप से सशक्त होने के लिए अपने व अपने घर परिवारों को सूदखोरों के चँगुल से मुक्त रखें और बैंक की महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ लें । जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक ने 283 संयुक्त देयता समूहों को दो करोड़ अठहत्तर लाख रूपये का ऋण दिया है केवल गुण्डरदेही विकासखंड में क्योंकि इस ब्लाक की महिलाओं में आर्थिक सशक्तिकरण का गुण भरा हुआ है और वे पैसा लेना व देना अच्छी तरह से जानती है तभी तो यहॉं की ऋण वापसी की दर 100% है । बैंक एसएचजी, जेएलजी लोन प्रकरणों में सुझाव आमंत्रित करती है जिस पर  हमारी बैंक तत्काल निर्णय लेनें पर विचार करेगी मैंने अपनें बैंकिंग जीवन में महिला आर्थिक सशक्तिकरण का ज्वलंत उदाहरण पहली बार देख रहा हूँ । श्री घनश्याम दास वैष्णव ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक गुण्डरदेही द्वारा 114 समूहों को एक करोड़ चौव्वन लाख रूपये, सिकोसा 79 समूहों को नब्बे लाख रूपये एवं अर्जुन्दा द्वारा 90समूहों को 54 लाख रूपये ऋण प्रदान करनें की जानकारी दिया । इस अवसर पर श्री एन. आर. साहू शाखा प्रबंधक गुण्डरदेही, श्री आर. के. मारकण्डे सिकोसा, श्री एस. के. सिवान अर्जुन्दा शाखा प्रबंधकों एवं श्री पी.एल. हिरवानी समन्वयक विकासखण्ड स्त्रोत केन्द्र गुण्डरदेह, श्री चतुर सिंह सिन्हा उच्चवर्ग शिक्षक चिचबोड़, पत्रकार श्री टी.एस. पिपरिया कोड़ेवा नई दुनिया भिलाई, श्री विरेन्द्र चन्द्राकर पूर्व सरपंच खप्परवाड़ा-डौकीडीह, पुरईन बाई नेताम अध्यक्ष स्वसहायता समूह घीना, पंचबाई साहू अध्यक्ष जागृति स्वयं सहायता समूह तमोरा, हर्षा साहू सरपंच मटेवा, उत्तरा बाई ठाकुर मितानीन भाठागाँव-बीअहिल्या बाई एवं महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु शाल, श्रीफल, प्रशस्ति-पत्र भेंट कर सम्मान किया गया । इस अवसर पर रैली का आयोजन भी किया गया । सम्मेलन का संचालन शमशाद बेगम ने एवं आभार प्रदर्शन रफीक ने किया । कार्यक्रम हेमा सोनी हीरूखपरी, माधुरी साहू, लक्ष्मी साहू, मीना साहू, संगीता, पुष्पलता, रामसिंग अग्रवाल, पुनीता सार्वा, जानकी साहू, महिला कमाण्डो का भरभूर सहयोग रहा |

सोमवार, 25 जुलाई 2011

गुण्डरदेही के महिला सशक्तिकरण

गुण्डरदेही के महिला सशक्तिकरण से प्रेरणा लेनी चाहिए
संयुक्त देयता समूह का  सम्मेलन 1500 महिलाओं ने दी भागीदारी
6 महिलाओं का हुआ सम्मान

वृक्षारोपण एवं संयुक्त देयता समूहों का सम्मेलन कार्यक्रम सोहन पोटाई सांसद लोकसभा क्षेत्र कांकेर, अध्यक्षता श्री विरेन्द्र कुमार साहू विधायक गुण्डरदेही एवं विशिष्ट अतिथि श्रीमती रीना कंगाले कलेक्टर दुर्ग ने सम्मेलन का शुभारंभ मॉं सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण  एवं दीप प्रज्जवलन कर किया ।
श्री विरेन्द्र कुमार साहू विधायक ने कहा- गुण्डरदेही विधानसभा क्षेत्र की समूहों की महिलाएँ इतनी जागरूक हैं कि वे आमंत्रण के महत्व को जानती हैं। और अपनी जागरूकता का परिचय देते हुए पहुँच जाती हैं । शमशाद बेगम के द्वारा लगातार महिलाओं को प्रेरित एवं जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। यह प्रयास किया जा रहा है कि राशन दुकान, मध्यान्ह भोजन, रेडी टू ईट कार्यक्रम महिला समूहों को सौंपा जाय।
शमशाद बेगम ने बतलाया कि नाबार्ड के सौजन्य से ऐसी खेती हर मजदूर महिलाएँ जो अधिया, रेगहा, कट्टू में खेत लेकर किसानी कार्य करती हैं उन्हें संगठित व चिन्हित कर कम से कम 04 अधिकतम 10 की संख्या में समूह बनाकर जिला सहकारी केन्द्रिय बैंक मर्यादित दुर्ग-गुण्डरदेही की मदद से प्रति एकड़ 4600 रूपये का ॠण उपलब्ध कराया जा रहा है। सन् वर्ष 2011 में 56 समूहों का गठन कर बैंक से 44 लाख रूपये का ॠण दिलवाया गया था जिसकी ॠण वापसी 100 प्रतिशत रही । वर्ष 2011 में 262 समूहों का गठनकर बैंक द्वारा 227 समूहों को 1,83,36,300 रूपये का ॠण दिया गया है जो कृषि कार्य को बढ़ावा देने के लिए उचित माध्यम व पहल है जिसके लिए जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक गुण्डरदेही, सिकोसा, अर्जुन्दा बधाई के पात्र हैं।
श्रीमती रीना कंगाले कलेक्टर दुर्ग ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा मैं गुण्डरदेही के महिला समूहों  में आई जागरूकता प्रत्यक्ष रूप से देखकर बहुत प्रभावित हुई हूँ इससे ब्लाक एवं जिले के समस्त अधिकारी जनप्रतिनिधियों को प्रेरणा लेनी चाहिए। यह भी बात देखने में आई है कि जहॉं-जहॉं पर महिला समहों के द्वारा राशन दुकानों का संचालन किया जा रहा है वहां पर शिकायतें कम हुई है। मैं यह भी चाहती हूँ कि राशन दुकान, मध्यान्ह भोजन, रेडी टू ईट कार्यक्रम महिला समूहों के द्वारा संचालित किया जाय। इसके लिए इन्हें विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए जिससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा और वे आर्थिक रूप से सशक्त होंगी। समिति द्वारा नाबार्ड के सौजन्य एस.एच.जी. रिसोर्स सेन्टर का संचालन बहुत ही सराहनीय है। मैं यह पूरा प्रयास करूँगी कि महिलाओं में आर्इ इस जागरूकता को और बढ़ावा मिले।
श्री सोहन पोटाई सांसद कांकेर ने कहा महिलाओं की जागरूकता के कारण ही शराब बंदी पर अंकुश लगा है और छत्तीसगढ़ शासन ने सख्त कदम उठाते हुए अवैध शराब बिक्री पर पूरी तरह से अंकुश लगा दिया है। वर्ष 2013 तक पूरे प्रदेश को संपूर्ण शराबबंदी व नशामुक्त प्रदेश बनाने का संकल्प लिया है। खेतीहर मजदूर महिलाओं के लिए जो समूह बनाकर उन्हें आर्थिक रूप से बैंक के माध्यम से ॠण उपलब्ध कराया जा रहा है यह बहुत ही प्रशंसनीय है । इससे ये खेतिहर मजदूर महिलाएँ सूदखोरों के चँगुल से मुक्त रहेंगी और अपने आपको आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, इसे और बढ़ावा देने के लिए शासन-प्रशासन स्तर पर पहल करने की कोशिश करूँगा।
इस अवसर पर विभिन्न संयुक्त देयता समूहों को गुण्डरदेही, सिकोसा, अर्जुन्दा ब्रांचों के माध्यम से 10 लाख रूपये का ॠण अतिथियों के द्वारा प्रदान किया गया। 6 सक्रिय महिलाओं को जिसमें माधुरी साहू हरियाली संयुक्त देयता समूह पैरी, द्रुपद कोसरे धनहा संयुक्त देयता समूह बोरगहन, शीतला संयुक्त देयता समूह सिर्राभांठा, पीलिया साहू किरण संयुक्त देयता समूह कजराबांधा, लक्ष्मी अग्रवाल चेतना देयता समूह खपरी-ब एवं श्रीमती शमशाद बेगम अध्यक्ष सहयोगी जनकल्याण समिति को कलेक्टर दुर्ग एवं अतिथियों द्वारा शाल, श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में एन. आर. साहू गुण्डरदेही, सिवाना जी, मारकण्डे जी ब्रांच मैनेजर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक का सहयोग प्रशंसनीय रहा। कार्यक्रम का संचालन प्रमोद जैन एवं आभार प्रदर्शन अश्वनी यादव ने किया।

रविवार, 10 जुलाई 2011

महिला समूहों में जागृति







सहयोगी जनकल्याण समिति




श्रीमती शमशाद बेगम अध्यक्ष सहयोगी जनकल्याण समिति, मितानिन व महिला कमाण्डो

विगत 01 वर्ष में रिसोर्स सेंटर की उपलब्धियाँ

  • प्रथम वर्ष 60 ग्रामों में 1816 परिवारों का चिन्हांकन कर उनमें से 1124 परिवारों का खाता खोला गया

  • 345 नये समूहों का गठन किया गया जिसमें 3450 महिलाएँ सम्मिलित हुई

  • नये एवं पुराने 700 समूहों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया

  • 60 ग्रामों में थीम कैम्प का आयोजन किया गया

  • ग्रामीणों को जागरूक बनाने 60 ग्रामों में कला जत्था द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुति एवं वॉलपेंटिग कराया गया

  • कृषक क्लब 39 ग्रामों में बनाया गया

  • 97 संयुक्त देयता समूह बनाकर लघु एवं सीमांत कृषकों को जो रेघ एवं अधिया लेकर खेती करते है उन्हें कृषि कार्य व उत्पादन बढ़ाने 56 समूहों को 45 लाख तक लोन 3% ब्याज पर दिलवाया गया

  • 08 पंचायतों को निर्मल ग्राम बनाने हेतु चयन कर बैठकें व ग्रामीणो को प्रेरित किया गयाखुरसुनी, मोंहदीपाठ, भरदाकला, बोड़ेना, चिचलगोंदी, पेण्ड्री, खुटेरी रंग व डगनिया पंचायत शामिल है

  • 35 गरीब बालिकाओं की शिक्षा हेतु आर्थिक सहयोग प्रदान किया गया

  • कृषक क्लब व समूहों के सदस्यों को शैक्षणिक भ्रमण के माध्यम से भोपाल से सोयाबीन, दूध बनाना, बड़ी, पकौड़े व गुलाब जामुन बनाने संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किया गया

  • छोटी ककड़ी (गरिकन) एवं श्री पद्धति से धान की खेती परसदा (अभनपुर) एवं कुम्हारी का क्षेत्रीय भ्रमण कराया गया, फलस्वरूप इसकी खेती करने किसान तैयार हुए हैं

  • अंजोरा कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा समय-समय पर उन्नत फसल, टमाटर उत्पादों का प्रसंस्करण, आम के आचार, जूस निर्माण एवं न्यूट्रीशन तथा सब्जी, बड़ी संबंधी प्रशिक्षण दिलवाया गयाधान के प्रदर्शन हेतु 05 किसानों को स्वर्णा, कर्मा, मासुरी का धान बीज प्रदान किया गया। 

  • 01 जनवरी 2011 को विश्वशांति एवं स्वरोजगार तथानिर्मल ग्राम बनाने हेतु ‘‘शिक्षादीपका आयोजन 163 ग्रामों में किया गया। 

लक्ष्य एवं उद्देश्य

सहयोगी जनकल्याण समिति गुण्डरदेही के द्वारा यू.एन.डी.पी. एवं नाबार्ड के सहयोग से स्व-सहायता समूहों एवं ग्रामीणजनों के लिए भारत का प्रथम SHG रिसोर्स सेंटर की स्थापना 01 जनवरी 2010 से प्रारंभ की गई है03 वर्ष में विकासखंड के 159 ग्रामों में कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है, उद्देश्य निम्नानुसार है- 
  • ग्रामीणों को वित्तीय समावेशन के तहत वित्तीय साक्षारता प्रदान करना

  • ग्राम के समस्त परिवारों को बैंक से जोड़ना

  • ग्रामों के समस्त परिवार की महिलाओं को स्व-सहायता समूह से जोड़ना। 

  • समूह प्रबंधन, नेतृत्व क्षमता, पंजी संधारण, बैंक लिंकेज का प्रशिक्षण देना एवं आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना

  • गरीब बालिकाओं की शिक्षा हेतु आर्थिक सहयोग प्रदान करना

  • महिलाओं को 5 वीं 8वीं की परीक्षा में शामिल करना

  • किसानों के हित व उत्पादन बढ़ाने हेतु कृषक क्लबों का गठन करना। 

  • निर्मल ग्राम हेतु घर-घर में शौचालय निर्माण कर उपयोग हेतु प्रेरित करना

  • शासन की योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाना

  • महिला कमाण्डो द्वारा सामाजिक बुराईयों का खात्मा करना

  • स्व-सहायता समूह एवं सदस्यों के बीच आपसी मतभेदों को दूर करना, उनकी समस्याओं का समाधान करना

  • कम्प्यूटर के माध्यम से डाटा कलेक्शन करना

  • सफलता की कहानियों का संकलन करना

  • थीम कैम्पों का आयोजन करना

  • कला जत्था, वॉलपेंटिग करना

उल्लेखनीय परिणाम

गुण्डरदेही विकासखण्ड में उक्त प्रयासों के फलस्वरूप विशेष रूप से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग की महिलायें सामाजिक, राजनातिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त हुई है तथा स्वयंसिद्धा कहला रही हैंनवसाक्षर महिलायें कक्षा 5 वीं, 8वीं की परीक्षाएँ उत्तीर्ण कर रही हैशादी-ब्याह एवं पारिवारिक सामाजिक कार्यक्रमों में अपना निर्णय दे रही हैंअंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 10,000 की संख्या में विशाल समूह में स्व-प्रेरित एकत्र होकर माईक में भाषण दे रही हैं तथा स्वयं के द्वारा किये गये कार्यों का उल्लेख कर अन्य महिलाओं को प्रेरित कर रही हैंबैंकों से संपर्क कर ॠण प्राप्त कर रही है और विभिन्न प्रकार के व्यवसायों से जुड़कर स्वयं तथा अपने समूह को सशक्त कर रही है एवं 50 महिला आरक्षण का भरपूर लाभ ले रही हैं

अनुभव

  • स्व-सहायता समूहों का गठन, प्रशिक्षण,बैंक लिंकेजिंग, आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने तथा संगठन क्षमता को बढ़ाने, नेतृत्व क्षमतासमूह प्रबंधन हेतु प्रशिक्षण तथा क्रियान्वयन । 

  • स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न प्रशिक्षण का अनुभव जैसे कुष्ठ एवं टी.बी., एनीमिया कुपोषण को पहचानकर उसको दूर करने के उपाय, शिशुवती, गर्भवती माताओं की नियमित जाँच, छ: जानलेवा बीमारियों से बचाव, संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव क्यों आवश्यक है? आदि विषयों पर प्रशिक्षण देने तथा मितानिन कार्यक्रम का सफल संचालन । 

  • नशा उन्मूलन, पर्यावरण से जुड़ने का लाभ, सामाजिक चेतना, महिलाओं को मंच प्रदान करना, समाज और सरकार के साथ मिलकर अपने अधिकारी की माँग कैसे करें? आदि विषयों पर प्रशिक्षण । 

  • पंचायती राज के जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण । 

कार्यक्रम संपादित करने के संसाधन

  • 200 की संख्या में अनुभवी कार्यकर्ताओं की टीम। 

  • स्वयं की निजी भवन। 

  • महिलापुरूषों की कला जत्था की टीम जो कार्यक्रम को सफलतापूर्वक क्रियान्वित कर दिखाते हैं 

  • गुण्डरदेही, बालोद, पाटन एवं डौण्डी लोहारा में 20-20 की संख्या में सक्रिय कार्यकर्ता तथा प्रत्येक ग्रामों में 4 की संख्या में स्वयंसेवी कार्यकर्ता की टी । 

  • कम्प्यूटर सेट है।

कार्यशाल में भागीदारी

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के गुण्डरेदही विकासखण्ड में अपने गतिविधियों को संचालित करते हुए प्रदेश स्तर पर महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में अपनी सहभागिता दी हैजिला साक्षरता समिति दुर्ग, डेनलेप, युनिसेफ, नाबार्ड, महिला आर्थिक विकास विभाग निगम, जिला पंचायत भोपाल के सौजन्य से आयोजित विभिन्न जिला एवं स्तरीय कार्यशाला में व्यक्ति के रूप में शामिल होते रही हैं

गरीब बालिकाओं को शिक्षा हेतु दत्तक पुत्री योजना में जन भागीदारी

‘‘आपके रहते मै शिक्षा से वंचित क्यों रहूँ
बहुत से ग्रामीण गरीब परिवार अपनी बेटी को मजबूरीवश नहीं पढ़ा पाते हैं, जिला साक्षारता समिति के नेतृत्व में ऐसी गरीब बालिकाओं की शिक्षा हेतु विकासखण्ड के 163 ग्रामों के बुद्धीजीवियों, दानदाताओं को प्रेरितकर गरीब बालिकाओं को गोद लेते हुए उनकी शिक्षा हेतु आर्थिक सहयोग जुटाकर 325 निर्धन बालिकाओं की शिक्षा सुनिश्चित कराई गई इसके संदर्भ में जिला स्तर पर सम्मानित किया गया शाला अप्रवेशी बालक, बालिकाओं को शाला में प्रवेश दिलाने में सहयोग प्रदान किया गयाबालिका शिक्षा की यह ज्योति लगातार जलती रहे यह प्रयास सतत् जारी है। 

जन-जागरण अभियान निर्मल ग्राम

शासन के मंशानुसार गुण्डरदेही विकासखण्ड के 163 ग्रामों, बालोद के 90 ग्रामों, दक्षिण पाटन के 60 ग्रामों एवं डौण्डी लोहारा के 53 ग्रामों में स्व-सहायता समूहों, महिला कमाण्डों के माध्यम से ग्रामवासियों को बाहर खुले में शौच नहीं करने हेतु कहा गया तथा उसके दुष्परिणाम से अवगत करवाते हुये ग्रामवासियों को शुष्क शौचालय का निर्माण करवाने तथा उसका उपयोग करने हेतु प्रेरित करने का कार्य किया जिससे बहुत से ग्रामों में बाहर खुले मैदान में शौच नहीं करने का संकल्प लिया। 

उल्टी दस्त बचाव हेतु परिवार एवं शालेय छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण

गुण्डरदेही विकासखण्ड के 163ग्रामों के 238 शालाओं में तथा ग्राम में परिवारों को एक दिवसीय ओ.आर.एस. (जीवन रक्षक घोल) बनाने की विधि एव उपयोग से अवगत कराया गया जिसके परिणाम स्वरूप 50,000 हजार परिवार 18000 स्कूली बच्चों को प्रशिक्षित किया गया जिसमें ग्रामों की महिला कमाण्डों, स्व-सहायता समूहों तथा मितानिनों ने समिति को सहयोग प्रदान कियाजब घर परिवार में उल्टी-दस्त की शिकायत बढ़ जाती है तब दिमाग काम नहीं करता है ऐसे समय में बच्चा महत्वपूर्ण साबित हो सकता है इस विचार के साथ यह प्रशिक्षण दिया गया जिससे ज्ञात हुआ कि उल्टी-दस्त पर नियंत्रण रहा तथा बालरूपी सेनाओं ने इसका व्यापक प्रचार-प्रसार अपने ग्रामों में किया। 

स्वास्थ्य शिक्षा की दिशा में पहल

स्व-सहायता समूहों, महिला कमाण्डो के सहयोग से ग्रामों में साफ-सफाई अभियान पल्स पोलियो, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, क्लोरिनयुक्त पीने का पानी, बोरिंग के आसपास गंदगी न करने तथा बर्तन न मांजने की सलाह तथा रोकथाम हेतु उचित उपाय किया गयामहिलाओं की टोली बनाकर जगह-जगह नुक्कड़ नाटक के माध्यम से स्वास्थ्य शिक्षा, बालिका शिक्षा, खून की कमी को कैसे पहचाने, ‘‘टी.बी. एवं कुष्ठ रोग की पहचान एवं उपचार संभव है, इसे बतलायें छुपाये नहीं’’ को लघु नाटक के माध्यम से ग्राम के सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित कर लोगों में जागरूकता फैलाने का कार्य किया गया जिसमें टी.बी., कुष्ठ के मरीज स्वयं सामने आकर ईलाज करवाने लगेसंस्थागत प्रसव में बढ़ोतरी हुई। 

बोरिंग के पास माँजने पर दण्ड शुल्क का निर्धारण किया गया जिसमें कुछ लोगों से दण्ड भी वसूल किया गया जिसमें लोगों ने बोरिंग की तथा आसपास को स्वच्छ, साफ सुथरा रखने का संकल्प लिया गयामितानिनों को चार सेक्टरों में बाँटकर प्रतिमाह बैठक ली जाती है तथा उन्हें मितानिनों को ग्रामों में किस प्रकार अपना व्यवहार रखना चाहिए, मरीजों को दवाईयाँ की खुराक किस प्रकार देनी चाहिए, शिशुवती गर्भवती माताओं का ध्यान कैसे रखे तथा संस्थागत प्रसव हेतु माताओं एवं परिवार को किस तरह राजी कर अपने साथ लावें विषयों पर गंभीरता से चर्चा कर प्रशिक्षण देने का कार्य किया जाता है, जिससे गुण्डरदेही विकासखण्ड में समूहों एवं महिला कमाण्डों की नजरों से देखा जा रहा है ।

विभिन्न कार्यक्रमों में आमंत्रित अतिथिगण

  • श्री ताराचंद साहू जी (तत्कालिन सांसद, लोकसभा क्षेत्र दुर्ग) 

  • श्री सोहन पोटाई जी (सांसद,लोकसभा क्षेत्र कांकेर) 

  • श्री रविन्द्र चौबे जी (तत्कालिन प्रभारी मंत्री, जिला दुर्ग) 

  • श्री सत्यनारायण शर्मा जी (तत्कालिन शिक्षामंत्री, छत्तीसगढ़ शासन रायपुर) 

  • श्री भूपेश बघेल जी (तत्कालिक शिक्षामंत्री, छत्तीसगढ़ शासन रायपुर) 

  • श्री ताम्रध्वज साहू जी (तत्कालिन शिक्षा राज्य मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन रायपुर) 

  • श्रीमती हेमवन्त पोर्त जी (तत्कालिन अध्यक्ष, राज्य महिला आयोग छत्तीसगढ़ शासन) 

  • श्रीमती सुधा वर्मा जी (तत्कालिन अध्यक्ष, राज्य महिला आयोग छत्तीसगढ़ शासन) 

  • श्रीमती विनोदनी मिश्र (तत्कालीन अध्यक्ष, राज्य समाजकल्याण बोर्ड छत्तीसगढ़) 

  • श्रीमती रेणुका सिंह (तत्कालिन मंत्री, महिला एवं बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन रायपुर) 

  • श्रीमती वीणा सेठ (प्रथम महिला : तत्कालिन राज्यपाल श्री के. एम.सेठ छत्तीसगढ़ शासन रायपुर) 

  • श्रीमती वीणासिंह (धर्मपत्नी डॉ. रमनसिंह : मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन रायपुर) 

  • श्रीमती लता उसेंडी (मंत्री, महिला व बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन रायपुर) 

  • श्रीमती हेमलता चन्द्राकर (अध्यक्ष, समाज कल्याण बोर्ड छत्तीसगढ़ शासन रायपुर) 

  • श्री विरेन्द्र साहू (विधायक, गुण्डरदेही (छत्तीसगढ़) 

  • श्री विजय बघेल जी (विधायक पाटन एवं संसदीय सचिव (गृह विभाग) छत्तीसगढ़ शासन रायपुर)

  • श्री मदन साहू (तत्कालिन विधायक , बालोद (छत्तीसगढ़) 

  • श्री पी.एल. बेहरा (ई.डी. नाबार्ड, मुम्बई)

  • श्री टी.डी.महाराणा (सी.जी.एम. नाबार्ड रायपुर)

  • श्री हरिश जावा (नाबार्ड रायपुर) 

  • श्री गोपालकृष्णा आइतम (ए. आई. सी. डब्ल्यू. ए. : मेन- आई. एम. सी. आई. हैदराबाद) 

भारतीय गणना

आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!