स्व-सहायता समूहों, महिला कमाण्डो के सहयोग से ग्रामों में साफ-सफाई अभियान पल्स पोलियो, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, क्लोरिनयुक्त पीने का पानी, बोरिंग के आसपास गंदगी न करने तथा बर्तन न मांजने की सलाह तथा रोकथाम हेतु उचित उपाय किया गया। महिलाओं की टोली बनाकर जगह-जगह नुक्कड़ नाटक के माध्यम से स्वास्थ्य शिक्षा, बालिका शिक्षा, खून की कमी को कैसे पहचाने, ‘‘टी.बी. एवं कुष्ठ रोग की पहचान एवं उपचार संभव है, इसे बतलायें छुपाये नहीं’’ को लघु नाटक के माध्यम से ग्राम के सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित कर लोगों में जागरूकता फैलाने का कार्य किया गया जिसमें टी.बी., कुष्ठ के मरीज स्वयं सामने आकर ईलाज करवाने लगे। संस्थागत प्रसव में बढ़ोतरी हुई।
बोरिंग के पास माँजने पर दण्ड शुल्क का निर्धारण किया गया जिसमें कुछ लोगों से दण्ड भी वसूल किया गया जिसमें लोगों ने बोरिंग की तथा आसपास को स्वच्छ, साफ सुथरा रखने का संकल्प लिया गया। मितानिनों को चार सेक्टरों में बाँटकर प्रतिमाह बैठक ली जाती है तथा उन्हें मितानिनों को ग्रामों में किस प्रकार अपना व्यवहार रखना चाहिए, मरीजों को दवाईयाँ की खुराक किस प्रकार देनी चाहिए, शिशुवती गर्भवती माताओं का ध्यान कैसे रखे तथा संस्थागत प्रसव हेतु माताओं एवं परिवार को किस तरह राजी कर अपने साथ लावें विषयों पर गंभीरता से चर्चा कर प्रशिक्षण देने का कार्य किया जाता है, जिससे गुण्डरदेही विकासखण्ड में समूहों एवं महिला कमाण्डों की नजरों से देखा जा रहा है ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें