रविवार, 14 अगस्त 2016

मोबाइल फ़ोन इंटरनेट यूजर्स के लिये

 यदि आपके मोबाइल फ़ोन का इंटरनेट पैक खत्म हो जाता है और mobile data ऑन है तो कंपनी द्वारा पैसे main balance से काट लिये जाते हैं। किसी-किसी का तो पूरा balance ही खत्म हो जाता है यदि धोखे से रात भर डाटा ऑन रह गया हो।
उपरोक्त समस्यायों को देखते हुये ट्राई ने सभी मोबाइल ऑपरेटर्स को सख्त आदेश दिया है कि -

मैसेज बॉक्स में जाकर STOP लिखे और 1925 में भेज दे मेन बैलेंस से राशि कभी नहीं काटी जायेगी, सिर्फ नेट पैक रहेगा या जब नेट पैक करवायेंगे तभी इन्टरनेट काम करेगा। हाँ , यदि आपको कभी कोई इमरजेंसी में नेट यूज़ करना हो और नेट पैक नहीं है अथवा खत्म हो गया हो तो START लिखकर 1925 पर भेजें तो ही main balance से राशि काटी जायेगी। इस जानकारी को अक्सर मोबाइल ऑपरेटर कंपनी ग्राहक से छिपाते हैं यदि आप जान गये या पहले से जानते हैं फिर भी शेयर करें...

एक जरुरी हक़ जिसके बारे में आपको शायद पता ही नहीं

आपके एटीएम पर भी है दुर्घटना बीमा
क्या आप जानते हैं कि शहर से लेकर गाँवों तक बहुत कम लोग ऐसे होंगे जो एटीएम का इस्तेमाल ना करते हों, लेकिन बड़ी संख्या में लोग एटीएम के दुर्घटना स्कीम के बारे में नहीं जानते। आजकल ज्यादातर लोग एटीएम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं लेकिन एटीएम का एक और फायदा है जो आपको पता ही नहीं है और वो जानकारी आपके बेहद काम की है

यदि किसी भी सरकारी या गैर सरकारी बैंक का एटीएम आपके पास है तो आपका उस बैंक में अपने आप ही दुर्घटना बीमा हो गया है। ये बीमा 25,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का होता है। इस योजना को शुरु हुये कई साल हो गये हैं, लेकिन 90-95 फीसदी लोगों को इस बात की जानकारी ही नहीं है क्योंकि बैंक कभी खुद ये जानकारी ग्राहकों को नहीं देते।



दुर्घटना बीमा की ये प्रक्रिया क्या है और मुआवजा कैसे मिलता है वो जान लीजिये..?
स्कीम के मुताबिक अगर किसी एटीएम धारक की दुर्घटना में मौत हो जाती है तो उसके परिवार के सदस्य को 2 महीने से लेकर 5 महीने के भीतर बैंक की उस ब्रांच में जाना होगा जहाँ उस शख्स का खाता था और वहाँ पर मुआवजे को लेकर एक एप्लीकेशन देनी होगी। अगर आपके पास किसी एक बैंक में एक ही अकाउंट हो या फिर उस बैंक की दूसरी ब्राँच में भी अकाउंट हो तो भी मुआवजा आपको किसी एक एटीएम पर ही मिलेगा जिससे पैसे का लेन-देन किया जा रहा हो। मुआवजा देने के पहले बैंक ये देखेंगे कि मौत से पहले पिछले 45 दिन के भीतर उस एटीएम से किसी तरह का वित्तीय लेन-देन हुआ था या नहीं।
बैंक में अकाउंट खुलने के बाद जैसे ही एटीएम आपको मिलता है बीमा पॉलिसी लागू हो जाती है। बैंक की तरफ से बीमा करवाया जाता है जिससे एटीएम धारक की मौत होने के बाद परिवार को मदद मिल सके।
इस स्कीम के मुताबिक आंशिक विकलाँगता से लेकर मृत्यु होने तक अलग अलग तरह के मुआवजे का प्रावधान दिया गया है। इसके लिये एटीएम धारक को कोई पैसा भी जमा नहीं करना होता, यदि आपके पास एटीएम है तो उस बैंक में ऑटोमैटिक दुर्घटना बीमा का फायदा आपको मिल सकता है। नियम ये है कि अगर एटीएम धारक की किसी दुर्घटना में मौत हो जाती है तो उसके घरवालों को उस बैंक से मुआवजा मिलेगा। ये योजना बैंक के ग्राहकों के लिये ही होती है लेकिन बैंक कभी भी इस बात की जानकारी ग्राहक को नहीं देते।

जानें किस स्थिति में कितना मिल सकता है मुआवजा
अगर आपके पास साधारण एटीएम है तो 1 लाख रुपये तक का मुआवजा परिवार वालों को मिलेगा और अगर कार्ड मास्टरकार्ड है तो ये मुआवजा 2 लाख रुपये तक हो सकता है। आंशिक विकलाँगता की सूची में अगर एक हाथ या एक पैर खराब होता है तो बैंक से 50,000 रुपये का मुआवजा मिल सकता है। वहीं दोनों हाथ या दोनों पैर खराब होने की सूरत में भी 1 लाख रुपये का मुआवजा एटीएम धारक को मिल सकता है।

अलग-एलग एटीएम टाइप पर अलग-अलग बीमा राशि
मास्टर कार्ड धारक को 50 हजार रुपये का बीमा और क्लासिक एटीएम पर 1 लाख रुपये तक का बीमा होता है। सभी वीजा कार्ड पर 2 लाख रुपये का बीमा और मास्टर मित्र कार्ड पर 25 हजार रुपये का बीमा होता है। वहीं प्लैटिनम कार्ड पर 2 लाख रुपये और मास्टर प्लैटिनम कार्ड पर 5 लाख रुपये तक का बीमा आपको बैंक से मिल सकता है।
मतलब ये कि अगर आपके पास प्लेटिनम कार्ड है जो आपके कार्ड पर 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा का प्रावधान है। अगर आपके पास क्लासिक कार्ड या फिर किसान डेबिट कार्ड है तो उस पर 50 हजार रुपये की राशि तय की गई है पीएनबी मित्र एटीएम कार्ड पर 25 हजार रुपये का दुर्घटना बीमा होता है। जबकि मास्टर रक्षक प्लेटिनम कार्ड पर 5 लाख रुपये का बीमा राशि तय की गई है।

जानें अपने हक को
आपके लिये सलाह यही है कि बैंक में अपने एटीएम के बारे में पूछताछ करें और इस बात की जानकारी माँगें कि आपके एटीएम कार्ड पर आपको कितना बीमा मिला है। बैंक अगर इंकार करे तो उसे बतायें कि आपको सरकार द्वारा इस योजना की पूरी जानकारी है। अगर दुर्घटना या एटीएम धारक की मृत्यु हो जाती है तो कार्ड टाइप के अनुसार मिलने वाली बीमा राशि की माँग करें और अगर बैंक इंकार करता है तो कंज्यूमर फोरम में जाकर अपना हक ले सकते हैं।

भारतीय गणना

आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!