श्याम ने सुरजीत से पूछा : 'सुरजीत भाई, अपने घर के बाहर खड़े क्यों हो और यह चोट कैसे लगी?'
सुरजीत : 'हुआ यूं कि...।'
श्याम : 'कितनी बार कहा कि लोगों से झगड़ा मत किया करो। कमबख्त ने मार कर तेरा बुरा हाल कर दिया। बुरा हो उसका, कीड़े पड़ें उसे।'
सुरजीत : 'हुआ यूं कि...।'
श्याम : 'कितनी बार कहा कि लोगों से झगड़ा मत किया करो। कमबख्त ने मार कर तेरा बुरा हाल कर दिया। बुरा हो उसका, कीड़े पड़ें उसे।'
सुरजीत : 'बस... मैं अपनी पत्नी के बारे में और गलत बातें नहीं सुन सकता।'
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