आँखी मूँदना : (i) मर जाना। (यथावत)
बड़ मयाँरूक रिहिसे बसंता दाई हा। आज दुनियाँ ले आँखी मूँद लिस ते रहि-रहि के सुरता आवत हे।
(ii) धोखा देना। (यथावत)
काली तक तो ‘‘संग निभाहूँ, हिरदे चीर के देख ले’’ काहत रेहेस। आज बर कइसे आँखी मूँदलेस?
(iii) धियान नइ देना। (ध्यान न देना)
मयाँ खातिर लइका के बइगुन ले आँखी मूँद लेबे, तब ओ तो बिगड़बे करही।
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