Nvabihan
गुरुवार, 28 अगस्त 2014
खरिखा बर पेरा नइ पुरना
खरिखा बर पेरा नइ पुरना :
भीड़ बर सहज मा मिलइया जिनिस के कमती पड़ जाना। (भीड़ के लिए सहज-सुलभ वस्तु की कमी होना)
पाँच किलो रमकलिया हा बराती खवाए बर कइसे पुरही पुरन, खरिखा बर पेरा नइ पुरे तब अतकी अकन मा कइसे बनही।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
भारतीय गणना
आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!
Caligraphy Marathi-Hindi
डॉ.खूबचंद बघेल
भारत की आजादी के आंदोलन में सक्रिय योगदान देकर एवं तत्कालीन भारत में चल रहे राजनैतिक-सामाजिक परिवर्तन तथा आर्थिक मुक्ति आंदोलन में हिस्सा ले...
चुनाव चिन्ह
Add caption
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें