Nvabihan
सोमवार, 4 अगस्त 2014
कभू घाम कभू छाँव होना
कभू घाम कभू छाँव होना :
सुख-दुख लगे रहना। (सुख-दुख लगा रहना)
कभू घाम कभू छाँव हा जिनगी के मिठास आए।
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आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!
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