शनिवार, 23 अगस्त 2014

कोंड़हा रोटी खाना

कोंड़हा रोटी खाना : गरीबी मा जीना। (गरीबी में जीना)

सबो दिन एक बरोबर नइ होवय खोरबाहरा..! आज कोंड़हा के रोटी खावत हस तब का भइस, काली के दिन बहुर के आही।

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आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!