रविवार, 10 अगस्त 2014

कान मा ठेठी भरना

कान मा ठेठी भरना : सुने ला नइ भाना। (सुनने की इच्छा न होना)

दसरु कहूँ गोठिअइस ते भेखराम हा अपन कान मा ठेठी भर लेथे। दुनों मा अत्तिक बैर हे।

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आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!