Nvabihan
रविवार, 10 अगस्त 2014
कान मा ठेठी भरना
कान मा ठेठी भरना :
सुने ला नइ भाना। (सुनने की इच्छा न होना)
दसरु कहूँ गोठिअइस ते भेखराम हा अपन कान मा ठेठी भर लेथे। दुनों मा अत्तिक बैर हे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
भारतीय गणना
आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!
चुनाव चिन्ह
Add caption
Caligraphy Marathi-Hindi
डॉ.खूबचंद बघेल
भारत की आजादी के आंदोलन में सक्रिय योगदान देकर एवं तत्कालीन भारत में चल रहे राजनैतिक-सामाजिक परिवर्तन तथा आर्थिक मुक्ति आंदोलन में हिस्सा ले...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें