सोमवार, 18 अगस्त 2014

काम के न कउड़ी के

काम के न कउड़ी केः अबीरथा होना। (व्यर्थ होना) 

हमर कागत-कलम तो खेत अउ नाँगर आय बेटा..! तुहँर पोथी-पुरान हमर काम के न कउड़ी के। ये ला तुही मन सम्हाँलो।

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आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!