गुरुवार, 4 सितंबर 2014

खोटनी भाजी कस खोंट-खोंट के खाना

खोटनी भाजी कस खोंट-खोंट के खाना : पर भरोसा रहना। (परावलंबी होना)

सहिंच मा गरीब रतिस तब तो बाते नइ रिहिसे, फेर अत्तेक धनवान होके घलो पर ला खोटनी भाजी कस खोंट-खोंट के खाथे। अइसन कंजूस ले भगवान बचाए।

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आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!