गुरुवार, 11 सितंबर 2014

गज भर के छाती होना

गज भर के छाती होना : (i) हिम्मती होना। (यथावत)
बिपत तो जिनगी के कसौटी आए। ये कसौटी मा खरा उतरे बर गज भर के छाती होना चाही।

(ii) गरब होना। (गर्व होना)
औलाद के नाँव जब देस-दुनियाँ मा फैलथे तब दाई-ददा के घलो गज भर के छाती हो जथे।

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आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!