गुर खा के गुलगुला ला घिनाना : बड़ जन अलहन करके नानमुन गलती ले बाँचे के उदीम करना। (बड़ी गलती करके छोटी-मोटी गल्तियों से बचने का प्रयास करना)
गाँव खातिर कुछुच नइ कर सकस रे कोदू, भले अपन बर चोरा के ले आबे। गुर खाके गुलगुला घिनाए ला कब ले सीख गेस तैं?
गाँव खातिर कुछुच नइ कर सकस रे कोदू, भले अपन बर चोरा के ले आबे। गुर खाके गुलगुला घिनाए ला कब ले सीख गेस तैं?
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