गुरुवार, 17 मार्च 2016

बायोगैस प्लांट

अब किसी कीरसोई घरमें 4-5घंटे कोगैस सप्लाईमिल सकतीहै


केवल 3000 रु. खर्च करअब किसीकी रसोईघर में4-5 घंटेकी गैससप्लाई मिलसकता है।जी हॉं, हम बातकर रहेहैं, एकअनोखे गोबरगैस प्लांटकी जिसेडिजायन कियाहै श्रीकृष्णराजू ने। श्री राजू मुदिगिरीतालुका केडाराडहली मेंएक वरिष्ठपशु-चिकित्सकके रूपमें कार्यरतरहे हैंउन्हें नईतकनीकियों के विकास में भीकाफी रुचिहै।


इस कम लागतवालेबायोगैस प्लांटकी खासियतयह हैकि इसमेंएक बारकेवल एकबाल्टी गोबरकी आवश्यकताहोती है।इसे तैयारकरने केलिए केवलएक 11 फ़ीटलंबी, 7फ़ीट चौड़ी250 मि.मी. कीप्लास्टिक शीट तथा दो पीवीसीपाइप कीज़रूरत होतीहै। यानि टंकी बनानेके लिएगढ्ढा खोदनेकी ज़रूरतनहीं होती।टंकी कानिर्माण प्लास्टिकशीट द्वाराही कियाजाता है।गोबर-पानीके मिश्रणको पीवीसीपाइप द्वाराडाला जाताहै औरएक घंटेके बादमीथैन गैसका उत्पादनशुरु होजाता है, जो 4घंटों तकचालू रहताहै।

श्री कृष्णराजू केमुताबिक, बॉयोगैसके किसीअन्य प्लांटके निर्माणमें केवल20,000 रु. की आवश्यकताहोती है, जिसमें वार्षिकमेंटिनेंस लागत भी शामित होतीहै, परयह काफीसस्ती हैऔर इसकसंचालन काफीआसान हैऔर एकबार संस्थपितकरने केबाद इसे5-6 वर्षोंतक चालूरखा जासकता है।

श्री कृष्णराजू कहतेहैं किउनक मुख्यउद्देश्य वनोंकी रक्षाकरना है।यदि घरआरसीसी  निर्मित हो तो इस यूनिटको घरके छ्तपर रखाजा सकताहै। उन्होंनेइसे डाराडहलीके डी. एन .वीरेंद्रगौड़ा कीछत परस्थापित कियाहै। उन्हेंअपने गौशालेके गोबरसे प्रतिदिन5 घंटेका बायोगैसईधन प्राप्तहो जाताहै।
गैस का इस्तेमालकरने केबाद गोबरका उपयोगखाद केरूप मेंकिया जाताहै।
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इस बारे मेंविशेष जानकारीके लिएश्री कृष्णराजूसे इसनम्बर परसंपर्क कियाजा सकताहै
मोबाइल: 9448073711

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आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!