शनिवार, 19 मार्च 2016

अधार कारड

तुलसीदास महराज अड़बड़ गियानी रिहिस..
पहलिच ले कहि दे रिहिस कि-

‘‘कलयुग केवल नाम अधारा’’
केहे के मतबल ये हाबे
कि कलजुग में जेखर नाम
अधार कारड
म जुँड़ जाही वोकरेच
जिनगी सुफल होही|


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आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!