सत्याग्रह के दमनकारियों,
सच क्या दबनेवाला है ।
उसको तुम क्या मार सकोगे,
ईश्वर जिसका रखवाला है ॥
वृद्ध अबला पर हाथ उठाना,
ये कैसी लाचारी है ।
काला धन में नाम आयेगा,
इसीलिए झक मारी है ॥
भ्रष्टाचार के विरोध से,
इनको क्यों डर लगता है ?
शेर का खाल ओढ़कर,
गीदड़ हमको ठगता है ॥
अपनी कमजोरी छुपाने खातिर,
सच को दबाये जाते हो ।
घोटालों के सिरमौर बने हो,
देश भक्त कहलाते हो ॥
हमने तुमको सिर पर बैठाया,
देश की सत्ता सौंप दिया ।
उसके बदले देश को तुमने,
घोटालों में झोंक दिया ॥
इस गफलत में कभी न रहना,
कि सत्ता तुम्हारी बफौती है ।
अन्ना बाबा को देख लो बेटा,
तुम्हारे लिए पनौती है ॥
कहता हूँ कब तक आखिर,
सच को दबाया जायेगा ।
देश भक्तों के सर पर कब तक,
भ्रष्ट बिठाया जायेगा ॥
खत्म करो लचीला कानून,
एक नया इतिहास लिखो ।
घोटालों राजों की खातिर,
आजीवन कारावास लिखो ॥
दण्डित करके सर भ्रष्टों को,
काला-धन हम लायेंगे ।
रच देंगे इतिहास सृजन का,
देश को स्वर्ग बनायेंगे ॥
पुष्कर सिंह 'राज’
उसको तुम क्या मार सकोगे,
ईश्वर जिसका रखवाला है ॥
वृद्ध अबला पर हाथ उठाना,
ये कैसी लाचारी है ।
काला धन में नाम आयेगा,
इसीलिए झक मारी है ॥
भ्रष्टाचार के विरोध से,
इनको क्यों डर लगता है ?
शेर का खाल ओढ़कर,
गीदड़ हमको ठगता है ॥
अपनी कमजोरी छुपाने खातिर,
सच को दबाये जाते हो ।
घोटालों के सिरमौर बने हो,
देश भक्त कहलाते हो ॥
हमने तुमको सिर पर बैठाया,
देश की सत्ता सौंप दिया ।
उसके बदले देश को तुमने,
घोटालों में झोंक दिया ॥
इस गफलत में कभी न रहना,
कि सत्ता तुम्हारी बफौती है ।
अन्ना बाबा को देख लो बेटा,
तुम्हारे लिए पनौती है ॥
कहता हूँ कब तक आखिर,
सच को दबाया जायेगा ।
देश भक्तों के सर पर कब तक,
भ्रष्ट बिठाया जायेगा ॥
खत्म करो लचीला कानून,
एक नया इतिहास लिखो ।
घोटालों राजों की खातिर,
आजीवन कारावास लिखो ॥
दण्डित करके सर भ्रष्टों को,
काला-धन हम लायेंगे ।
रच देंगे इतिहास सृजन का,
देश को स्वर्ग बनायेंगे ॥
पुष्कर सिंह 'राज’
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