रविवार, 10 जुलाई 2011

महिलाओं के आर्थिक विकास हेतु उन्हें रोजगार मूलक कार्यों से जोड़ने की कामयाब कोशिशें


महिलाओं को स्व-रोजगार से जोड़ने व आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने की दिशा में उन्हें रोजगार मूलक कार्यों जैसे- मछली पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, सामूहिक खेती जैसे पारंपरिक व्यवसायों के लिए महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें सामूहिक रोजगार की ओर अग्रसर करने की कामयाब कोशिश की गई जिसके फलस्वरूप आज महिलाएँ पारंपरिक कार्यों के अलावा अन्य पुरूष वर्चश्व वाले व्यवसायों जैसे- साऊण्ड सर्विस, किराया भण्डार, आटा चक्की, अगरबत्ती, पत्थर, फर्सी, कुर्सी, केनिंग, वॉशिंग पाउडर व साबुन निर्माण एवं बड़ी-पापड़, राशन दुकान, मध्यान्ह भोजन संचालन, आँगनबाड़ी में पोषण आहार वितरण, रेडी टू ईट पावडर बनाना जैसे अपने पारंपरिक व्यवसायों के अलावा अन्य व्यवसायों को भी सफलतापूर्वक संचालित करने लगे तथा एक निरीह मजदूर से मालिक बनने तक के सफर में शमशाद बेगम का सहयोग हमेशा इन्हें मिलते रहा, महिलाओं की आर्थिक सम्बलता हेतु प्रयत्न जारी है ।

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भारतीय गणना

आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!