भीतरी मा दारु बेचाय
बाहिर धरमसाला हे
काला-काला देखबे बाबू !
सबो डहर घोटाला हे ।...
मेहनत करइया भूख मरे
हरामखोर मन राज करे ।
जनता ल लूटइया मन के
गर मा लटकत माला हे ।...
काय अलकरहा बात होगे
लोकतंत्र अब मजाक होगे
काली तक के चोर डाँकू
आज हमर रखवाला हे ।...
हाबय पोचई फेर दिखथे रोंट्ठे
नाम बड़े हे दरसन छोटे
सच्चई के अयनक मा देखबे त
बड़े-बड़े के मुहूँ काला हे ।...
बाहिर धरमसाला हे
काला-काला देखबे बाबू !
सबो डहर घोटाला हे ।...
मेहनत करइया भूख मरे
हरामखोर मन राज करे ।
जनता ल लूटइया मन के
गर मा लटकत माला हे ।...
काय अलकरहा बात होगे
लोकतंत्र अब मजाक होगे
काली तक के चोर डाँकू
आज हमर रखवाला हे ।...
हाबय पोचई फेर दिखथे रोंट्ठे
नाम बड़े हे दरसन छोटे
सच्चई के अयनक मा देखबे त
बड़े-बड़े के मुहूँ काला हे ।...
कागज मा योजना बनात हे
कागजेच मा योजना चलात हे
संतरी से लेके मंतरी तक
परसेंट के बोलबाला हे ।...
कागजेच मा योजना चलात हे
संतरी से लेके मंतरी तक
परसेंट के बोलबाला हे ।...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें