बुधवार, 10 जुलाई 2013

Sarswati


माँ सरस्वती की आरती

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय.....

चंद्रवदनि पद्मासिनी, ध्रुति मंगलकारी।
सोहें शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ जय.....

बाएँ कर में वीणा, दाएँ कर में माला।
शीश मुकुट मणी सोहें, गल मोतियन माला ॥ जय.....

देवी शरण जो आएँ, उनका उद्धार किया।
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥ जय.....

विद्या ज्ञान प्रदायिनी, ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह, अज्ञान, तिमिर का जग से नाश करो ॥ जय.....

धूप, दीप, फल, मेवा माँ स्वीकार करो।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥ जय.....

माँ सरस्वती की आरती जो कोई जन गावें।
हितकारी, सुखकारी, ज्ञान भक्ती पावें ॥ जय.....

जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय.....

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ।
सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय.....

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आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!