सुरता आथे महू ल बही, तोर संगे संग रेंगे के बात ।
नरवा तीर के कुआँ, बोर, अउ बारी के कॉंटा पलानी
तरिया पार के बर छइहॉं, बमरी बोइर अउ आमा चानी
जड़काला के रउनिया कस हॉंसी म
घेरी बेरी मरे के बात...
बँइहा ल सुपेती कस रउँद डरे
मया के अंचरा ल ओढ़ाके ।
परागेस, पर के जिनिस कस
जरहा रोटी जस जिनगी ल झँवा के ॥
ठट्ठा-मट्ठा म फुग्गा कस मुहू फुलाए
पिनपिनही कस रोवस घात...
आँखी के पुतरी कस अपने अपन नाचत राहस,
सुरता करके बही जस, कट्ठल-कट्ठल के हॉंसत राहस ।
जउन गली जावँव मय ह, लागे,
रधिया कस झॉंकत राहस ।
आँखी, अँगठी अउ अनार कस दॉंत मन
लागथे विरहा म राक्षस कस जात....
नरवा तीर के कुआँ, बोर, अउ बारी के कॉंटा पलानी
तरिया पार के बर छइहॉं, बमरी बोइर अउ आमा चानी
जड़काला के रउनिया कस हॉंसी म
घेरी बेरी मरे के बात...
बँइहा ल सुपेती कस रउँद डरे
मया के अंचरा ल ओढ़ाके ।
परागेस, पर के जिनिस कस
जरहा रोटी जस जिनगी ल झँवा के ॥
ठट्ठा-मट्ठा म फुग्गा कस मुहू फुलाए
पिनपिनही कस रोवस घात...
आँखी के पुतरी कस अपने अपन नाचत राहस,
सुरता करके बही जस, कट्ठल-कट्ठल के हॉंसत राहस ।
जउन गली जावँव मय ह, लागे,
रधिया कस झॉंकत राहस ।
आँखी, अँगठी अउ अनार कस दॉंत मन
लागथे विरहा म राक्षस कस जात....
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