शनिवार, 5 अप्रैल 2014

ए मीना... चल न या बाजार जाबो ना ।

ए मीना... चल न या बाजार जाबो ना ।

उहॉं जाके दूनो झन, फोटो खिचाबो ना ॥ ए मीना ...


सइकिल म बइठ के दुनो झन सुघ्घर जाबो ।

अढ़ई-आखर मया के, हम गोठ ल गोठियाबो ।

उही करा पान ठेला म, पान खाबो ना... ए मीना...


सुवा रंग पोलखा लेहूँ, गुलाबी रंग लुगरा ।

छॉंट-छॉंट के तय ह लेबे, खोपा बर फुंदरा ॥

होटल म जाके दूनो झन, भजिया खाबो ना...ए मीना ...


नाक बर नौरंगिहा फूली, कान बर बाली ।

तँय ह लेबे टिकली फुँदरी, मॉंग बर लाली ।

सॉंझकुन फेर दूनो झन, सनीमा जाबो ना...ए मीना...


तँय ह दिखथस जइसे, बिरींदाबन के रानी अस

टुरा मन कुड़काथे मोला, कइसन तँय बदनामी अस

पैरी मेला जाके दूनो, बिहाव कराबो ना... ए मीना...

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