आखिर क्या वजह है कि तीन उद्योगपतियों के (मोदी को प्रधानमंत्री बनने लायक व्यक्ति ) कहने मात्र से ही जबरदस्त विरोध दर्ज हो रहा है, यहाँ तक कि उन उद्योगपतियों द्वारा संचालित कम्पनियों के फोन एक दिन के बन्द रखने का अभियान भी चलाया गया। ऐसे में प्रखर बुद्धिजीवियों को जिन सम्भावित नामों पर आपत्ति नहीं है, उनके साथ तुलनात्मक अध्ययन करने पर कुछ ऐसे दस अवगुण सामने आए जो मोदी में है। नरेन्द्र मोदी के वे खास अवगुण जिनकी वजह से वे प्रधानमंत्री पद के लिए सर्वथा अनुपयुक्त है। और जिन्हें लायक माना जा रहा है, उनमें यह मौजूद है…।
01. नेता ऐसा हो जो भाई समान हो: मोदी अपने जन्म दिन पर चोथ नहीं उगाहते। यह भी कोई बात हुई, जब नेता खुद जनता को नोच नोच नहीं खाएगा, निचले स्तर के लोगों को मौका कैसे मिलेगा? हमें ऐसा नेता चाहिये जो खुद भी खाए और दूसरों को भी खाने दे। वहीं मोदी कहते है, न खाऊँगा, न खाने दूँगा। ऐसा “रूखा” आदमी प्रधानमंत्री पद के लिए सर्वथा अनुपयुक्त है। चूंकि हमें खिलाने-पिलाने वाला “लूखा” नेता चाहिये, इसलिए मोदी नहीं चाहिये।
02. नेता ऐसा हो जो जाति का कल्याण करे: नेता ऐसा हो जो राज्य या देश का न होकर किसी जाति विशेष का हो। अपनी जाति का भला करे, आरक्षण दे, नौकरियाँ दे। जाति विशेष का मसीहा बन कर वोट माँगे। मोदी कभी जात-पात पर वोट नहीं माँगते, ऐसे जातिहंता को सत्ता क्यों दें? चूंकि हमें तो जातिवादी नेता चाहिये, इसलिए मोदी नहीं चाहिये।
03. नेता ऐसा हो जो पानी-बिजली-सड़क देने का वादा करे और करता रहे: हम चाहते है, सड़क-पानी-बिजली का मुद्दा सदा चुनावी मुद्दा बना रहे। और सौ साल तक इस पर वोट देते रहें। मोदी के राज्य में ये तीनों चीजें ही चुनावी मुद्दा नहीं होती। क्योंकि वहाँ तीनों की ही हालत बेहतर है। अब ऐसा नेता ही किस काम का जो रटे रटाए मुद्दे ही खत्म कर दें। चूंकि हमें वादे करने वाला नेता चाहिये, इसलिए मोदी नहीं चाहिये।
04. नेता ऐसा हो जो जवाँ मर्द हो: हमें ऐसा मर्द नेता चाहिये जो बेशर्मी से नौ नौ बच्चे पैदा कर देश के परिवार नियोजन अभियान की हवा निकाल सके। मोदी क्या खाक बच्चे पैदा करेंगे। ऐसा घर-बार छोड़ देने वाला नेता हमें नहीं चाहिये। चूंकि हमें मीडिया की आँखों का तारा, चारा-चोर चाहिये, इसलिए मोदी नहीं चाहिये।
05. नेता ऐसा हो जो अपने परिवार से प्रेम करे: हमें ऐसा नेता चाहिये जिसके मन में परिवार के प्रति भारी लगाव हो। अपने पूरे खानदान को यहाँ वहाँ सेट कर भला कर सके। पत्नी बेटों को मुख्यमंत्री बना सके। राज्य/देश को अपने बाप की जागीर समझ देखभाल कर सके। ऐसा मोदी नहीं चाहिये जिसकी माताजी एक साधारण से सरकारी क्वाटर में रहे और भाई सरकारी नौकरी बजाए। जो आदमी अपने माँ-भाई का भला न कर सके उसे प्रधानमंत्री कैसे बनाया जा सकता है? चूंकि हमें जागीरदार चाहिये, इसलिए मोदी नहीं चाहिये।
06. नेता ऐसा हो जो दोनों हाथों से दान करे: हमें ऐसा नेता चाहिये जो मुफ्त में बिजली दे, टीवी और सायकिल बाँटे। दारू और पैसे बाँटे। उल्टा मोदी ने तो बिजली चोरों पर अंकुश लगा दिया है। यह अधर्म है, अगर अल्पसंख्यक भाई इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं तो यह सर्वथा अनुचित है। ऐसा निर्दयी व्यक्ति प्रधानमंत्री न ही बने तो अच्छा है। चूंकि हमें अदूरदर्शी मुफ्तखोरी को बढ़ावा देने वाला नेता चाहिये, इसलिए मोदी नहीं चाहिये।
07. नेता ऐसा हो जो वफादार हो: हमें ऐसा नेता चाहिये जिसका जनाधार न हो, वह लोकप्रिय न हो। जिसे जनता चुने वह भी कोई नेता हुआ? नेता ऐसा हो जो थोपा जाय। वह देश के प्रति नहीं राजपरिवार के प्रति निष्ठावान हो। मोदी जनप्रिय नेता है। तीन-तीन बार मुख्यमंत्री बने और तय है जनता उन्हे चौथी बार भी चुनेंगी। ऐसा नेता हमें नहीं चाहिये जो न मेडम को, न मीडिया को पसन्द हो। चूंकि हमें थोपे गए चापलूस नेता चाहिये, इसलिए मोदी नहीं चाहिये।
08. नेता ऐसा हो जो अल्पसंख्यको का हितैशी हो: हमें ऐसा नेता नहीं चाहिये जो दंगे फसाद का टंटा खत्म कर विकास के लिए राह बनायें, हमें ऐसा नेता चाहिये जो अल्पसंख्यकों को संरक्षण दे दे कर उन्हें पंगू बना दे। चूंकि हमें तुष्टिकरण को बढ़ावा देने वाला देशद्रोही नेता चाहिये, इसलिए मोदी नहीं चाहिये।
09. नेता ऐसा हो जो शान्तचित्त हो: नेता ऐसा हो जो कहीं भी कभी भी सो सके और नौकरशाही को अपने अनुसार काम करने दे। ऐसा नेता किस काम का जो दीर्घावधि की योजनायें बनाये, फिर दिन में 16-16 घंटे काम करे और नौकरशाही पर अंकुश लगा कर उनसे भी काम करवाये। हमें भगवान भरोसे देश को छोड़ शांति से सोने वाला नेता चाहिये, इसलिए मोदी नहीं चाहिये।
10. नेता हो तो गाँधी हो: सबसे बड़ा कारण ऐसा अवगुण है जो करोड़ों भारतीयों में भी है, कि वे किसी खास गाँधी परिवार में पैदा नहीं हुए। वे मोदी है, गाँधी नहीं। चूंकि हमें लोकतंत्र में राजतंत्र का आनन्द लेने से वंचित नहीं होना, इसलिए मोदी नहीं चाहिये।
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