बुधवार, 14 मई 2014

आसाराम बापू का सच क्या है


कहते हैं जब समय ख़राब आता है तब इन्सान की परछाई भी उसका साथ छोड़ जाती है। मुझे लगता है कुछ ऐसा ही आसाराम बापू के साथ भी हुआ है। वर्ना जाने कितने बड़े – बड़े नेता , मंत्री , मुख्यमन्त्री उनके प्रवचनों पर पहुँचते थे। आज सब ने उनसे कन्नी काट ली है। जब से उन पर बलात्कार का आरोप लगा है।


पता नहीं इन आरोपों में कितनी सच्चाई है यह तो आरोप लगाने वाला ही जानता होगा। आरोप का क्या है कोई भी किस पर लगा सकता है। कई बार आपसी खुंदक में ही लोग आरोप लगा देते हैं। अभी जल्दी में ही डी एस पी जिया उल हक़ की विधवा ने रघु राज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैय्या पर अपने पति की हत्या करवाने का आरोप लगा दिया। बिन बुलाये मुसीबत उनके गले मढ़ गई। उनको न लेना एक न देना दो पर क्या करे, मंत्री पद भी गया। इतनी लम्बी जाँच पड़ताल के बाद नतीजा वही ढांक के तीन पात। मुफ्त में परेशानी अलग झेलनी पड़ी।पहले तो C .B .I जाँच करवाने का प्रदेश सरकार पर दबाब बनाया। अब जब C .B .I को उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला तो नई कहानी शुरू कर दी कि अभी अदालत का निर्णय नहीं आया है। अभी उन्हें दोबारा से मंत्री क्यों बनाया जा रहा है। उस समय भी सारे के सारे न्यूज चैनल राजा भैय्या के खिलाफ हुंकार भर रहे थे। इल्जाम लगाने वाला मस्ती से सरकारी सुवधाओं  का आनन्द ले रहा है। उस पर कोई कार्यवाही नहीं क्यों ?

अब आता हूँ आसाराम बापू के मामले में, तो पहले बता दू कि न तो मै इनका भक्त हूँ और न ही कहीं इनके सत्संग में गया। लेकिन जब भी मुझे कुछ गलत लगता है तो मैं  उसका समर्थन नहीं कर सकता।

ऐसा लगता है बहुत सारे ब्लागर के अन्दर हलाहल भरा हुआ है। जब भी उन्हें मौका मिलता है वह अपना जहर उगलना शुरू कर देते हैं। आसाराम बापू के खिलाफ भी लोगो ने जम कर विष वमन किया और कर रहे हैं। एक भेड़ चाल है एक ने जहर उगला तो दूसरा शुरू हो गया दुसरे को देख कर तीसरा और इस तरह से एक झुण्ड चाहे वह मीडिया का हो या ब्लागर का सारे के सारे शुरू हो जाते हैं।

एक ब्लागर हैं महेंद्र श्रीवास्तव जिन्होंने ने अपने परिचय में लिखा है कि वह पिछले 6 सालो से न्यूज चैनल से जुड़े हैं। उन्होंने आसाराम बापू के खिलाफ जहर उगलते हुए एक फोटो भी एक अमेरिकन की लगाई जिसकी सूरत काफी कुछ आसाराम बापू से मिलती हुई सी है वह शख्स अपने गोद में एक स्त्री को बैठाये हुए है। पहले तो यह जनाब उस व्यक्ति को आसाराम बापू ही बताते रहे जब कई लोगो ने इनकी खिंचाई की तब भी उसे हटाया नहीं बल्कि लिख दिया पहचानो कौन। यह तो मानसिकता है आज कल के लोगो की और मुख्य रूप से न्यूज चैनल से जुड़े हुए लोगी की। पिछले कुछ दिनों से एक होड़ सी लगी हुई है न्यूज चैनलों में आसाराम बापू के खिलाफ जहर उगलने की। प्रतिदिन ही शाम को किसी न किसी चैनल पर आसाराम बापू के खिलाफ वाद- प्रतिवाद हो रहा होता है। ऐसा लगता है इन न्यूज चैनलों ने अपनी अलग से अदालत बना ली है और उसमे आसाराम बापू को कटघरे में खड़ा करके तरह – तरह के आरोप लगाना शुरू कर देते हैं। पता नहीं कहाँ से ऐसे साधु – गेरुआ वस्त्र धारी को पकड़ कर ले आते हैं जिन्हें कोई जानता भी नहीं न ही उनका कोई वजूद है और उन लोगो के माध्यम से विष वमन का कार्य शुरू हो जाता है। मै समझता हूँ जितने लाख आसाराम बापू के अनुयायी हैं उतने शायद ही किसी के होंगे। अब उनसे इर्ष्या होना तो स्वाभाभिविक ही है, यह लोग निजी इर्ष्यावश जहर उगलने का कार्य शुरू कर देते हैं। पानी पी - पी कर गाली दे रहे हैं।

सारे के सारे ऐसा प्रकट कर रहे हैं कि इनसे बड़ा कोई ब्रह्मचारी नहीं है। स्त्री के सामने आते ही इनकी नजरे जमीन में गड़ जाती हैं।

कहावत है मुंह में राम, बगल में छुरी, वह हाल है इन न्यूज चैनलो में इन जहर उगलने वाले लोगो का। अभी एक सुन्दर सी लड़की मिनी स्कर्ट पहन कर सामने आ जाय तो वहीँ लार टपकने लगेगी। चले हैं नैतिकता का पाठ पढ़ाने।

यहाँ पर आसाराम बापू के विषय में कुछ प्रश्न ऐसे हैं जो अनुत्तरित हैं।
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जैसे कि इस घटना से पहले से ही एक अमेरिकन जो की चाल–ढाल से आसाराम बापू जैसा ही देखने में लगता है उसकी आपत्तिजनक फोटो सोशल मीडिया पर डाल कर आसाराम बापू को बदनाम करने का प्रयास कौन कर रहा है।
  • जिस व्यक्ति ने अपनी बेटी पर बलात्कार करने का आरोप आसाराम बापू पर लगाया वह 6 दिन बाद क्यों लगाया? कही ऐसा तो नहीं कि अगर आरोप तुरंत लगाता तो मेडिकल जाँच होने पर यह साबित हो जाता कि बलात्कार हुआ ही नहीं है। लेकिन इतने दिन बाद इस तरह की जाँच हो नहीं सकती।
  • जोधपुर से शाहजहाँपुर पहुँच गई इस बीच कम से कम माँ को तो बता सकती थी, किन्तु नहीं बताया क्यों
  • दूसरी बात अगर लड़की किसी कारणवश आश्रम में विरोध नहीं भी कर सकी पर आश्रम से निकलने के बाद तो तुरंत अपने मां -बाप से कह सकती थी। इतने दिन इन्तजार क्यों किया गया?
  • जब लड़की को कोई बीमारी या परेशानी नहीं थी फिर जरुरत क्या थी उसको जोधपुर ले जाने की। आदमी छोटी- मोती बीमारी पर जल्दी डाक्टर के पास नहीं जाता है यहाँ बिना बीमारी के आप इतनी दूर पुरे परिवार के साथ गए लड़की का इलाज करवाने ?
  • इसमें कोई शक नहीं कि यह व्यक्ति काफी ऊँची पहुँच वाला है वर्ना शाहजहाँपुर से दिल्ली आकर पुलिस में रिपोर्ट लिखवाता है और वह लिख ली जाती है। जबकि या तो रिपोर्ट जोधपुर में लिखी जाती या फिर शाहजहाँपुर में।
  • मैंने पढ़ा है कि पुलिस ने इस केस में जो धाराए लगाई उसमे आरोपी को यह सिद्ध करना है कि वह निर्दोष है।
  • आरोपी का कहना है कि बापू को वशीकरण विद्या आती है जिससे वह सबको वश में कर लेते हैं। अब अगर ऐसा था तब तो उन्हें जाँच करने वाले अधिकारी पर ही यह अस्त्र चलाना चाहिए था , और अगर वहां नहीं चलाया तो जज साहब पर चला कर जेल जाने से तो बच सकते थे।
  • राजस्थान के मुख्य मंत्री का बयान आया कि अधिकारी बिना किसी दबाब में आये आसाराम बापू के खिलाफ कार्यवाही करे। समझ में नहीं आया कि एक मुख्य मंत्री को ऐसी क्या आवश्यकता पड़ गई कि वह विशेष रूप से पुलिस अधिकारी को इस तरह के निर्देश दे रहे हैं।
  • आरोपी कहता है वह तीन लाख रूपये अपने बच्चो की पढाई के लिए हर साल आश्रम में देता है और उसने शाहजहाँपुर के आश्रम बनवाने में भी बहुत पैसा दिया है। जो आदमी इतना पैसा खर्च करता है उसकी आमदनी भी 15 -20 लाख तो सालाना होगी ही। अगर और कोई मामला होता तो सबसे पहले आयकर वाले उसकी आमदनी चेक करने बैठ जाते।
  • आरोपी ने शाहजहाँपुर में एक बहुत बड़ा जलूस आसाराम बापू के खिलाफ निकला। एक आम आदमी तो इस तरह का कार्य बिना किसी राजनितिक समर्थन के तो नहीं कर सकता।

इन सभी बातो को देखने बाद ऐसा लगता है कि आसाराम बापू कहीं किसी बड़ी साजिश के शिकार तो नहीं बनाये गए हैं। न्यूज में आया है कि सूरत की दो बहनों ने आरोप लगाया है कि 2002 में उनके साथ आसाराम बापू ने उनके लड़के ने बलात्कार किया और आसाराम बापू की पत्नी भी उसमे शामिल थीं। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। कमाल है।आठ – दस साल बाद इनकी नींद टूटी और तब इन्हें पता लगा कि इनके साथ बलात्कार किया गया था।

यह सब बाते , आरोप एक षड्यंत्र की कड़ी नहीं हैं तो क्या है। कि किसी भी तरह आसाराम बापू की जमानत न हो सके और साथ ही साथ अगर उनका पूरा परिवार जेल में चला जाय फिर पैरवी करने वाला भी कोई नहीं रहेगा,

लगता है सारे के सारे इस समय बहती गंगा में हाथ धोने को बेताब हैं।


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