मंगलवार, 26 अगस्त 2014

खप जाना

खप जाना :  i) खतम हो जाना। (समाप्त हो जाना)
सहर मा जतका पइसा धरे रबे वतका खप जथे।

(ii) बीत जाना। (व्यतीत होना)
खेती कमात ओकर तो सरी उम्मर खपगे अब का धंधा धरही ओहा।

(iii) बुझा जाना। (बुझ जाना)
पेरा के आगी तो तुरते खप जथे, छेना धराके राख।

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आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!