Nvabihan
शुक्रवार, 24 अक्तूबर 2014
गोड़ के धुर्रा पोंछना
गोड़ के धुर्रा पोंछना :
खूब सेवा करना। (यथावत)
आज जबाना अतका बदल गेहे धनीराम, सुवारथ के साधत ले गोड़ के धुर्रा पोंछथें; बाद मा हिरक के नइ देखें।
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