आजकल अधिकांश घरों में अनिष्ट शक्तियों का कष्ट है, फलस्वरूप घर में कलह क्लेश रहना, नींद न आना, नींद अधिक आना, नींद में भयानक स्वप्न आना या डर जाना, शरीर में वेदना रहना, गर्भपात होना, आर्थिक हानि होना, आदि कष्ट पाये गये हैं।
- तुलसी के पौधे लगायें।
- घर एवं आसपास के परिसर को स्वच्छ रखें।
- घर में नियमित गौमूत्र का छिड़काव करें, देसी गाय के गौमूत्र में अनिष्ट शक्ति को दूर करने की सर्वाधिक क्षमता होती है।
- घर में सप्ताह में दो दिन कच्ची नीम पत्ती की धुनी जलायें।
- घर में कंडे या लकड़ी से अग्नि प्रज्ज्वलित कर, गूगुल जलायें और उसके धुयें को प्रत्येक कमरे में थोड़ी देर दिखाएँ।
- भजन, स्त्रोत्र पठन या सात्त्विक नाम जप की ध्वनि चक्रिका, अर्थात सीडी चलायें।
- घर में अधिकाधिक समय नाम जप करें, नाम जप से निकलने वाले स्पंदन से घर की शुद्धि होती है।
- घर में कलह-क्लेश टालें, वास्तु देवता “तथास्तु” कहते रहते हैं, अतः क्लेश से क्लेश और बढ़ता है और धन का नाश होता है।
- सत्संग का आयोजन करें। अतिरिक्त स्थान घर में हो तो धर्म कार्य हेतु या साप्ताहिक सत्संग हेतु वह स्थान किसी धर्म कार्य हेतु अर्पण करें।
- प्रसन्न एवं संतुष्ट रहें। घर के सदस्यों के मात्र प्रसन्नचित्त रहने से घर की 30% शुद्धि हो जाती है।
- घर की रंगाई और पुताई समय-समय पर कराते रहें। घर के पर्दे, दीवारें, चादरें काले, हरे, बैगनी रंगों के न हों, यह ध्यान में रखें।
- घर में कृत्रिम और प्लास्टिक के फूल से सजावट न करें।
- घर में दूरदर्शन पर रज-तम प्रधान धारावाहिक, भूतहा फिल्में या धारावाहिक न देखें।
- फेंग-शुई, यह एक आसुरी पद्धति है। इससे घर की शुद्धि नहीं, वरन काली शक्ति बढ़ती है। अतः इससे सम्बंधित सर्व सामग्रीका उपयोग पूर्णत: टालें।
- घर में नैसर्गिक धूप और हवा के लिए प्रतिदिन द्वार और खिड़की खोलें, इससे घर की शुद्धि होती है।
- घर में पितरों के चित्र दृष्टि के सामने न रखें।
- घर के किसी एक कोने या कमरे में विशेष कर भण्डार-गृह (स्टोर रूम) में कबाड़ एकत्रित न रखें। वह एक प्रकार से अनिष्ट शक्तियों को घर में रहने हेतु आमंत्रण देना है।
- घर के शौचालय और स्नान गृह को सदैव स्वच्छ रखें।
- घर के पूजा घर को शास्त्रानुसार रचनाकर, वहाँ प्रातःकाल एवं संध्या आरती करें।
- घर में फिल्मी अभिनेता और अभिनेत्रियों एवं आज के राजनेता, क्रिकेट खिलाड़ी, इत्यादि के चित्र न लगायें, इससे भी रज-तम प्रधान स्पंदन घर में निर्मित होते हैं।
- घर में सात्त्विक पुष्प, जैसे गेंदा, जाई, जुई, राजनीगंधा, चंपा, चमेली जैसे पौधे लगायें।
- घर के सामने काँटेदार पौधे जैसे कैक्टस (cactus) इत्यादि न लगायें।घर के बाहर भयानक मुखौटे टाँगकर न रखें !
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