स्वयं के संशोधन से 500 नवीन स्व-सहायता समूहों का गठन किया गया है, जिसमें 7500 महिलाएँ जुड़ी हुई है जो अपनी नियमित बचत राशि बैंक में जमा करती है तथा प्रतिमाह की कुल 05 तारीख को बैठकें करती है एवं सामाजिक, राष्ट्रीय, धार्मिक कार्यक्रमों में अपनी भागीदारी देकर अपनी नेतृत्व क्षमता को प्रदर्शित करती है घर-परिवार में सम्मान प्राप्त कर रही है एवं उनके विचारों को महत्व दिया जा रहा है। अब तक 2000 समूह बन चुके हैं और बनते जा रहे हैं। इनकी जमा राशि एक करोड़ रुपये हो चुकी है। बैंकों से डेढ़ करोड़ रुपये ॠण के रूप में ले चुके हैं।
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