शमशाद बेगम के द्वारा ग्रामीण गरीब परिवारों की बेटियों को शिक्षित करने एवं अभिप्रेरित करने में प्रभावशाली भूमिका का निर्वहन किया है । गरीब परिवारों की बालिकाओं को चिन्हित कर उन्हें दत्तक पुत्री योजना के अन्तर्गत दानदाताओं को प्रेरित कर उन्हें आर्थिक सहायता देकर उनकी शिक्षा सुनिश्चित हो पाई है जिसके फलस्वरूप वर्ष 96-97, 97-98, 98-99, 99-2000, 2000-2001 इन पाँच वर्षों में बालिकाओं को शाला में दर्ज करने की मुहिम चलाकर दर्ज कराई गई जिसके फलस्वरूप 163 ग्रामों में शाला जाने योग्य शत-प्रतिशत बालिकाओं को शाला में दर्ज कराया जा सका है । दत्तक-पुत्री योजना के तहत 325 निर्धन बालिकाओं को आर्थिक सहायता पहुँचाई गई ।
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