शमशाद बेगम के द्वारा सन् 1990 से दुर्ग जिले में जिला साक्षरता समिति द्वारा संचालित सम्पूर्ण साक्षरता अभियान के अन्तर्गत गुण्डरदेही साक्षरता समिति में अतिरिक्त परियोजना संयोजक के रूप में अशासकीय रूप से कार्य करते हुए गुण्डरदेही विकासखण्ड के 163 ग्रामों का भ्रमण कर सतत् सम्पर्क बनाते हुए ग्रामीण महिलाओं में ‘‘नारी पढ़ेगी-विकास गढ़ेगी” यह चेतना जागृत करते हुए उन्हें साक्षर बनाने का प्रयास किया है, जिसके फलस्वरूप गुण्डरदेही विकासखण्ड के 12569 महिलाओं को साक्षर बनाने में महत्वपूर्ण सफलता मिली । इसमें 85 महिलाएँ अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़े वर्गों की थी । महिला शिक्षा के इस कार्य को आगे बढ़ाते हुए 10659 नवसाक्षर महिलाओं को उत्तर साक्षरता अभियान में शामिल करने में सफलता प्राप्त हुई । 2001 की जनगणना के अनुसार साक्षरता दर 52% थी जो बढ़कर 71% हो चुकी तथा 1100 नवसाक्षर महिलाएँ पाँचवीं उत्तीर्ण हो गयी, जिससे पूरे दुर्ग जिले में साक्षरता की मशाल जल उठी और पढ़ने का यह महाअभियान सफलता की चरम सीमा की ओर बढ़ता गया जिसके फलस्वरूप अनेक सम्मान शमशाद बेगम को प्राप्त हुये हैं ।
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