शमशाद बेगम द्वारा सन् 2003 में सहयोगी जनकल्याण समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए 2000 स्व-सहायता समूहों का निर्माण कर 40,000 ग्रामीण महिलाओं को संगठित कर बचत का पाठ सिखलाते हुए समूह प्रबंधन, नेतृत्व क्षमता, बैंक लिंकेज, व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जिसके फलस्वरूप आज गुण्डरदेही विकासखण्ड के 163 ग्रामों को महिला सशक्तिकरण के नाम से जाना जाता है । अब महिलाएँ आत्मनिर्भर हो गई है वे सूदखोरों के चँगुल से मुक्त हो गई है अब वे कर्ज साहूकार से नहीं लेती है, बल्कि बैंक से संपर्क कर कर्ज लेती है और समय-समय पर वापसी करती है । जिससे प्रभावित होकर छत्तीसगढ़ सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 07 नवम्बर 2006 को ‘‘मिनीमाता सम्मान’’ महामहिम राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के करकमलों से प्रदान किया गया था एवं 8 मार्च 2008 को भारत सरकार द्वारा ‘‘स्त्री शक्ति सम्मान’’ यू. पी. ए. अध्यक्ष सोनिया गाँधी जी के करकमलों द्वारा प्राप्त हुआ ।
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