गुरुवार, 25 अगस्त 2011

इंद्र के पीरा-2


दूत- (अपने-अपन) ले न गा..! मे तइयार होके आ गेंव... हमर सरकार सम्हरे हेते नहीं ते। ए…सरकार..! चलौ न हुजुर..! हम आ गेन भइ..!
इंद्र- अरे वा..! समे के बड़ पाबन्द हस दूत।महूँएकदम तइयार बइठे हों। चलौ..! काँहा हेएरावत हाँथी हा।
दूत- ए दे हावैसरकार..! यहू ला खवा-पिया केतइयार कर देहों। कोनजनीउहाँ के दानी-पानीएला पोसाही के नहीं कहिकेइहिंचे कँस के खवा देहों।
इंद्र- ए मामला मा तोबड़ चतुरा हस दूत।एखरे सेती तोतुही ला संग मा लेगथौं-लानथौं। लेअब चल।(दोनों एरावत मा बइठके मिरित्युलोक आत हें।)
इंद्र- दूत..!
दूत- जी सरकार..!
इंद्र- मिरित्युलोक तो आगेन।अब आगू का करना हे?
दूत- पहिली वोटर लिस्ट मानाँव जोड़वाना हे सरकार..! चलौउही ठउर ला खोजथनजिहाँ वोटर लिस्ट मा नाँव जोड़त होही।
इंद्र- ले चल।
दूत- सरकार..! सरकार..!
इंद्र- अब का होगे?
दूत- हमर एरावत लाइही करा लेवापिस इंद्रलोक भेज देथन।
इंद्र- काबर?
दूत- एमा चढ़ केचुनाव दौरा नइ हो सकय सरकार..!
इंद्र- अब कइसे जाबो?
दूत- अभिन तोरेंगत जाबो... बाद माचारचकिया गाड़ी बिसा लेबोन न सरकार..!
इंद्र- लेचल भइ..! ( दुनों रद्दा रेंगथे... तभ्भेच बटोही मिलथें... उँकर ले पूछथें। )
दूत- ए भइया..! सुन तो जी।
बटोही - काए जी..! का बात हे?
दूत- हमला वोटर लिस्ट मानाँव जोड़वाना हे... नाँव जोड़इया मनकाँहा बइठथें?
बटोही - नाटक-डरामा वालेमन लावोटर लिस्ट लेका लेना-देना परगे जी..! तुमन तो बस..नाचव-कूदव।ए वोट-फोट के चक्कर माझन परौ। ह..! ह..! ह..! ह..! ह..! (जम्मो बटोही मन हाँसथें।)
माईंलोगिन – अइ...! ए मन लाका सऊँख लागेहे या...! वोटर लिस्ट मानाँव जोड़ाए के? ए गाँव ले वो गाँवकिंदर-किंदर के नचइया-गवइया मन ला.‍!(हाँसत-हाँसत चल देथें।)
इंद्र- दूत..!
दूत- जी सरकार..!
इंद्र- एमन तोहमन ला नचकार समझ लिन रे....! अब का होही?
दूत- एमा….इँखर गलती नइ हे सरकार..! याहा डरेस मा हाबनत हमन ला नचकार तो समझबेच करहीं एमन।
इंद्र- तबअब का करे ला परही?
दूत- सरकार..! जइसन-जइसन देस... तइसन-तइसन भेस...‍! ए डरेस लाबदले बर परही।
इंद्र- हमर कनाअइसनेच-अइसनेच डरेस तो हावै... अब इँकर डरेस ला काँहा ले लानन?
दूत- तुमनफिकर झन करौ सरकार..! मेपूरा बेवस्था मा हाबौं। मोर कना दूसरा डरेस हाबे... ए पहिरे हौतेला उतारौअउएला पहिरौ (कपड़ा ल देथे।)
इंद्र- ए कइसन डरेस आए रे? (पहिनत-पहिनत।)
दूत- इही तोनेता मन के डरेस आए महराज..! अब धोती तोपहिरेच हो।ए देखादी के कुरता ला घलो पहिरो..! (इंद्रदेव के कुरता पहिने के बाद) जय हो सरकार..! अब बन गेवपक्का नेता।
इंद्र- (पहनकर) बने हेल-फेल लागिस... तोर दिमाग लामाने ला परही दूत।मोला तोअतिक के हउसेच नइ रिहीसेअउ तँय तोपूरा बेवस्था मा चले हस।
दूत- आखिर मे तुहँर चाकर हरौं... सरकार..! अतका धियान रखना तोमोर जुम्मेदारी बनथे। एक बात अउ रिहिसेमहराज..!
इंद्र- का बात एपूछ डार।
दूत- इहाँ आए के बादअब मोला दूत कहिके झन बोले करौ।
इंद्र- दूत लादूत नइ कहूँत का कहूँ?
दूत- पीएकहिके बलावौ सरकार..!
इंद्र- ते तो अभी पीए नइ हस रे....!
दूत- उहूँऽऽऽऽ..! इहाँ के भाखा मादूत ला पीए कहिथें सरकार..!
इंद्र- अइसे…का..! तउही लाअगवा के नइ बतातेस? चल पीए..!
दूत- ले चलौ। ( दुनों रेंगत रथें। रद्दा मा दु झन पुलिस मिल जथें। इंद्रदेव ल बज्र धरे देखके।)
सिपाही- (हबलदार ले) हबलदार साहेब..! ओदे आवत हेतेन मन बड़ा खतरनाक आदमी लागथे साहेब... बड़ जबर हथियार धरे हेअउ काँहा जावत हे ते।
हबलदार- (देखत-देखत) अरे... हौ रामसिंग..! एमन तो दिखेच माबड़ा खतरनाक गुंडा-बदमास लागथें (चिल्ला के) अरे ओए..! एती आव..!
इंद्र- कोन? हमन लाबलाएव हबलदार..!
हबलदार- नहींहम रद्दा सन गोठियात हन। हम तूही मन लाबलावत हन।
इंद्र- काय बात हेहबलदार?
हबलदार- काय बात हे हबलदार..! अइसे बात करत हेंजइसे कुछु जानतेच नइ हे।अउबात करे के सलीका घलो नइ हे... कोन आदमी सेकइसे बात करना चाही।का बात हे हबलदार..! पुलिसवाले संगअइसने बात करे जाथे।हबलदार जीनइ बोल सकस? (चिढ़ावत) का बात हे हबलदार..!
दूत- छिमा करिहौहबलदार जी..! अइन्दा सेअइसन गलती अउ होही... ए..! नइ होय... नइ होय... नइ होय। फेरहमर ले अइसनका अपराध होगे हबलदार जी..!
हबलदार- अच्छाऽऽऽऽ..! चोरी... उप्पर ले सीना जोरीका अपराध होगे कहिथस? इहाँ साग पउले केनानुक चक्कू धर के घुमना अपराध हे।अउतुमन यहा( बज्र छीन के) छय-छय धारवालेखतरनाक हथियार धर के घुमत होफेरका अपराध करे हन कहिथो?
इंद्र- बातअइसन हे हबलदार जी..! ए हा तुमन समझत हो तइसन हथियार नो हे। असल मा मे इंद्र आँव। ये हा(दूत डाहन इसारा करत) मोर दूत आय... अउजेन ला तुमन हथियार समझत हो... ए हा बज्र आय। जेन लासदा दिनमे अपन तीर राखेच रहिथौं।
सिपाही- (हबलदार ला) हबलदार जी..! मोला तोइँखर दिमाक के इसकुरू हाथोरिक ढिल्ला हेतइसे लागथे।
हबलदार- (सिपाही से) थोरिक नीहींबनेच ढिल्ला हे। एला मे हाअभिन कँस देथों (इंद्र अउ दूत ला) अच्छाऽऽऽऽ..! तते हाइंद्रदेव भगवान असअउ ए हातोर दूत आय?
इंद्र- अवस्य हबलदार जी..!
हबलदार- हूँऽऽऽऽ..!  ते हा इंद्रदेवअउ ए हातोर दूत।इंद्रलोक ला छोंड़केइहाँ का झख मारे बर किंदरत हो।ऐरे-गैरेहबलदार समझथव का रे..? (सिपाही ला) रामसिंग..!
सिपाही- जी हबलदार जी..!
हबलदार- लान तोहथकड़ी ला..! (इंद्रदेव अउ दूत ले) चलो बेटा..! अभी जेल के हावा खाहू ना ताँह ले सब समझ मा आ जही।
दूत-हाँ..! हाँ..! हाँ..! हबलदार जी..! अइसन गजब झन करौ।असल माबात अइसन हेए हा नेताजी हरेअउ मेहाएखर पीए आँव।हमनवोटर लिस्ट मानाँव जोड़ाए बर..जावत हन।
हबलदार- हाँ..! अब आ गेव नलइन मा। अन्दर जाए के नाँव सुनके तोबड़े-बड़े के पइजामा खराब हो जथे।अउए तुहँरबज्र के का होही?
दूत- ए लातूही मन राखे राहौ न हलवदार जी..! चुनाव के बाद आके हमन ले जबो।
हबलदार- याने कीमेहातुहँर ददा के नउकर हरौं।
दूत- ओइसन झन समझौ न हबलदार जी..! अबनेता अउ पुलिस वाले तोआपस मा यार होथेंच। अतकेकस्ट नइ करिहौ जी..!
हबलदार- फोकट मा चंदन नइ घिसायलल्लू..!
दूत-कइसन मा घिंसाहीबताव ना साहेब..? ओखरोबेवस्था कर देबोन (इंद्रदेव ले) सरकार..!
इंद्र- का होगेपीए?
दूत- कुछु रुपिया राखे हौका?
इंद्र- रुपिया तो नइ हेएदे..सुवर्न मुदरा हाबे..!
दूत- देवौउहू चलही (इंद्रदेव एक मुदरा निकालके देथे।)
दूत- (हबलदार ले) हबलदार जी..! ए लेचुप्पे धरौ।
हबलदार- (चकित होके) हैंऽऽऽऽऽऽसोन्न के पुतरी।
दूत- अब राखौ ना हबलदार जी..!
हबलदार- रखतेच हौं भइया..! लेजल्दी जाव... अउ आते रहू भइ..!
दूत- (रेंगत-रेंगत) चलौजल्दी भगवाननहीं तेअउ कोनों बखेड़ा खड़े कर दीही।
इंद्र- अब मोर बज्र केका होही?
दूत- सरकार..! बज्र ला राखे बरथाना ले बने ठउरअउ कोनों नइ होय।परे-परेअइसने सर जहीफेर कोनों दूसर मनखेओला लेग नइ सकें।
इंद्र- बिना बज्र के मोला तोहरु-हरु लागत हे।
दूत- लागत हेत लागन देव... चलौ..!
इंद्र- ले चल भइ..! (दुनों झन चलथें। रद्दा मा वोटर लिस्ट मा नाँव जोड़े के जगा दिखथे।)
दूत- ओदेदिखत हे महराज..! बड़े-बड़े अच्छर मा लिखाए हे इहाँ वोटर लिस्ट मानाम जोड़े जाथे।(दुनो झन जाथें।)
इंद्र- भइयाहमन ला वोटर लिस्ट मानाँव जोड़वाना हे।
बाबू- का नाँव हे?
इंद्र- मेहाइंद्रदेव अउ ए..!
दूत- (बीचेच मा) उहूँऽऽऽऽऽऽऽऽऽएहाफेर बिगाड़ही तइसे लागथे... बात अइसन ए साहेब... एहा नेताजी आयअउ मेहा एखर पीए।
बाबू-नाँव कुछु होही?
दूत- लिख ना इंद्र।
बाबू- हाँ (लिखत-लिखत) इंद्र..! आगू का..! ए बी सी डी..! कुमार..! सिंह..! लाल..! राम..!
दूत- अरे कुछु लिख दव जी..!
बाबू- अच्छाचलौ इंद्र कुमार..! ए बताव संग माकोनों गवाही लाय हो?
इंद्र- गवाही तोकोनों नइ हे।
बाबू-तुहँर नाँवनइ जुड़ सकय।
दूत- कइसे नइ जुड़ सकहीइहाँअन्टा-पन्टा आदमी मन के नाँव हा जुड़ जथेअउतेअउदुसर मुलुक ले अवइया मन केनाँव हा जुड़ जथेअतिक बड़ नेता के नाँव हाकइसे नइ जुड़ सकही?
बाबू- मोर बात ला समझौ... मे कब काहत होंनाँव नइ जुड़े कहिके? जरूरी फारमेलटी तोपूरा करेच ला परही।जेन वारड  मातुहँर नाँव जोड़वाना हेउही वारड के रहवइयाकोनों गवाही के दसकत लागही।
इंद्र- अउगवाही नइ होही त?
बाबू- नइ जुड़ सकेतुहँर नाँव... चलौफोकट डिसटरबझन करौ।(अपने-अपन) काँहा-काँहा ले आ जथे सड़क छाप नेता।
इंद्र- जबान सम्हाल के गोठियानहीं ते..!
दूत- अब चलौसरकार..! (खींचके ले जथे।)
इंद्र- एखरेच सेती केहेंवमोर बज्र रहितिस तेअभी ए कुँदरू ला बता देतेंव।
दूत- उहूँऽऽऽऽऽऽ अबतुमनबज्र के नाँव तक लाभुला जावसब बुतच-लाबिगाड़ दूहू का जी?
इंद्र- तबका करन?
दूत- चलौकाखरोआलिसान बँगला ला किराया मा लेबो।
इंद्र- काहमन ला दे देहीं।
दूत- कइसे नइ दीहीपइसा माका नइ मिलही?
इंद्र- हमर कना पइसा काँहा हे? एदेसोन के मोहर..!
दूत- (बीच मा) सोन-सोनकहिके झन रट लगावौएहाइंद्रलोक नोहेसरकार..! मिरित्युलोक आय।जम्मो बुता बरसोन के मोहर देवइच करबेअउकहूँइनकम टेक्सवाले मन सुन परहीते पूछ-पूछ केतुहँर बुध नास कर दीहीं।
इंद्र- सिरतोन बात लाकेहे मा का हे। हमर कना नगदी पइसा तो नइच हे। इहीच ला तोखरचा करबोन।
दूत- एलाखरचा नइ करन सरकार..! एलापहिली भँजा केरुपिया-पइसा बनाबो। तबबने बढ़िया असनबँगला देखबो।तेखर बाद गवाही अउनाँव जोड़ई सब हो जही।
इंद्र- दूत..!
दूत- जी सरकार..!
इंद्र- ते तोअइसे गोठियात हसजानो-मानोपहिली घाँव नहीं... इहाँ कइ घाँव आ गे हस।
दूत- कतकोन खेवन सरकार..! जब-जब तुहँर करा ले छुट्टी लेवौंतब-तब मे इहँचेच तो घूमे बर आवँव..!
इंद्र- वाह रे चतुरा..! अतेक बड़ बात होगे मोला पतच नइ हेचलौ सब बनेच हे..!अब तो अउ कोनों बात के फिकर नइ हे..!
दूत- चलौ सरकार..! मोर राहत ले तुहँर पाँव मा काटा घलो नइ गड़े।
इंद्र- ले चल। ( दुनो झन चल देथें।

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