शुक्रवार, 26 जुलाई 2013

गाँधी ल बिजरावत हे ।...

एती ओती चारों कोती
भुँकरत मेछरावत हे
हमर गँवई के हरहा गोल्लर
किंजर-किंजर के खावत हे ।

जेखरे लउठी भँइस ओखरे
अइसन आज जमाना हे
भाई-भतिजावाद चलत हे
ग्राम-सुराज बहाना हे ।
पंचायती राज के कुरसी में बइठे
गाँधी ल बिजरावत हे ।...

पुष्कर सिंह ‘राज’

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

भारतीय गणना

आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!