सोमवार, 16 फ़रवरी 2015

झूठ का सहारा न लें शादी के रिश्ते में

जब अपने पुत्र या कन्या की शादी करनी हो तो कुछ माता-पिता अपने बच्चों के बारे में होनेवाले नये रिश्तेदारों को गलत जानकारी देते हैं। यदि इस आधार पर कोई रिश्ता तय हो जाता है तो उसका भविष्य में गंभीर परिणाम हो सकता है। 

इस मामले में विशेषतया लड़की के माता-पिता यदि लड़के के पक्ष को अपने बेटी की झूठी प्रशंसा तथा अनावश्यक जानकारी पहुँचाये और यदि इसके पश्चात विवाह हो जाता है तो शादी के बाद लड़की का सांसारिक जीवन कष्टमय बन सकता है। 

ललिता एम.ए. अनुतीर्ण थी। उसकी शादी होनेवाली थी तो उसके पिताजी ने वर के पिता को यह सरासर झूठ बताया कि उनकी बेटी एम.ए. पास है। शादी के बाद जब ललिता के पति को यह अवगत हुआ कि वह एम.ए. पास नहीं है तो उसको मायके पहुँचा दिया गया और यह हिदायत दी गयी कि जब वह एम.ए. पास हो जाए तभी अपने ससुराल आए। 

सरोज की शादी तय होने के पहले सरोज के माता-पिता ने वर पक्ष को यह जानकारी पहुँचाई कि सरोज को गायन में बड़ी रुचि है। वह अच्छा गाती है। लड़केवाले बहुत खुश हुए शादी के बाद जब सरोज पहली बार ससुराल गई तो उसके घर के सभी छोटे सदस्य उससे कोई गीत सुनने की जिद्द करने लगे। सरोज चुप रही सबसे छोटे देवर ने कहा “भाभाजी, हमने सुना है कि आप बहुत अच्छा गाती हैं। वैसे यदि अभी कोई गीत गाने का मन न हो तो सिर्फ गुनगुना दीजिये। गाना आपसे फिर कभी सुन लेंगे।’’ 

सरोज से जब नहीं रहा गया तो उसने कहा, “मैं गाना नहीं गा सकती। मुझे गीत भी गुनगुनाना नहीं आता। आपको किसने बता दिया कि मैं गायिका हूँ?’’

यह सुनकर सभी को आश्चर्य हुआ। सरोज की ओर सभी देखते रहे। इससे सरोज के पति और सास-ससुर को बड़ा दु:ख हुआ कि सरोज के माता-पिता ने शादी के पहले उसकी झूठी प्रशंसा की। 

ज्योति के विवाह के लिए उसके माता-पिता प्रयास कर रहे थे। परंतु कहीं भी बात नहीं बन पा रही थी। लड़केवाले देखने आते और ज्योति को चश्मा लगा देखकर उसे नापसंद कर चले जाते थे। जब एक रिश्तेदार को बिना चश्मा लगाये ज्योति को दिखाया गया तो उसे पसंद कर लिया गया। ज्योति की शादी हो गई। 

शादी के बाद ससुराल में ज्योति ने चश्मा लगाया तो उसक ससुराल के सभी सदस्यों को ताजुब हुआ। 
“बहू, तुमको चश्मा लगता है?’’
सास ने सवाल किया, “कितने पॉवर का है?’’
“ज्योति, क्यों लगाती हो, तुम यह चश्मा?’’ ज्योति के पति ने जानना चाहा। 
“चश्मा न लगाने से मेरा सिरदर्द करता है, इसलिए इसे लगाती हूँ,’’ ज्योति ने कहा,
“यदि मैं यह जानता कि तुम्हारी आँखें कमजोर है और तुम्हें चश्मा लगता है तो मैं तुमसे शादी कभी न करता’’ ज्योति के पति ने नाराजगी व्यक्त की। 

वंदना के हाथ और पैर पर सफेद दाग थे, जब शादी तय हुई थी तो लड़केवालों से यह बात छुपाई गई थी, शादी के बाद जब वह सफेद दाग वंदना के पति और सास ने देखे तो उसे सीधे उसके मायके पहुँचा दिया गया। 

लड़कियों के माता-पिता ही नहीं, बल्कि लड़कों के माता-पिता तथा रिश्तेदार भी दहेज के लालच में अच्छे घराने के लड़की से शादी, लड़के की झूठी तारीफ करके करते हैं, ऐसे अनेक उदाहरण हमारे भारतीय समाज में देखने-सुनने को मिलते हैं। 

झूठी प्रशंसा का आधार बनाकर जो शादी होती है, उसमें कभी भी दरार पड़ने की आशंका बनी रहती है-ऐसे रिश्ते अटूट नहीं रह पाते। लड़की का जीवन दुखमय बन सकता है। ससुराल में उसे सबके ताने सुनने पड़ते हैं। कहा जाता है एक झूठ छुपाने के लिए कई बार झूठ बोलना पड़ता है फिर भी झूठ की पोल एक दिन खुल ही जाती है। इसलिए जब शादी तय हो तो खास तौर पर लड़कीवाले वर पक्ष को तथा रिश्तेदारों को अपनी कन्या के बारे में गलत जानकारी न दें और न ही अनावश्यक और झूठी तारीफ करें।
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-पांडुरंग भोपले ग्राम व पोस्ट-सारसी (कोठोड़ा)

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