रविवार, 10 जुलाई 2011

प्रतिवर्ष विश्वशांति एवं ग्राम स्वरोजगार के लिए 163 ग्रामों में दीप प्रज्जवलन

जब सारा विश्व आतंकवाद की आग में झुलस रहा था, हथियारों की होड़ लगी हुई थी जवाबी हमले हो रहे थे ऐसी विषम परिस्थिति में सहयोगी जनकल्याण समिति गुण्डरदेही के तत्वावधान में समूहों नें प्रार्थना को ही सफल माध्यम मानते हुए 01 जनवरी सन् 2001 को समस्त ग्रामवासियों ने अपने-अपने घर के सामने 10-10 दिये जलाये तथा ग्राम के सार्वजनिक मंच पर एकत्र होकर प्रार्थना सभा का आयोजन किया। विश्व की सुख-शांति एवं ग्राम-स्वरोजगार की कामना कर एक-दूसरे को नववर्ष की बधाई देकर अपने-अपने घरों की ओर कूच किये । प्रथम वर्ष में 30-40 ग्रामों ने अपनी भागीदारी दी, और इस बात की चर्चा समूचे गुण्डरदेही विकासखण्ड के 163 ग्रामों में फैल गई, इस कार्यक्रम को व्यापक जनसमर्थन मिलने लगा । वर्ष प्रतिवर्ष ग्राम के लोगों का जुड़ाव बढ़ने लगा  एकता, भाईचारा, विश्वशांति और ग्राम स्वरोजगार का यह शिक्षा दीप पूरे विकासखण्ड में जगमगाने लगा और बिन दीवाली, दीवाली सा माहौल जन-मानस में दिखने लगा और लोग अपनी खुशी एवं भागीदारी का ईजहार करने के लिए रामायण पाठ, बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चों का सम्मान समारोह, खेलकूद का आयोजन करने लगे । इस वर्ष विश्वशांति के लिए साढ़े तीन लाख दिये जगमगाये, चूंकि इस पूरे कार्यक्रम की आयोजक महिलाएँ होती हैं जिससे ग्राम व समाज में महिलाओं को सम्मान प्राप्त हुआ इस कार्यकम को रायपुर दूरदर्शन ने प्रतिवर्ष प्रमुखता से प्रसारित किया है और महिला कल्याण एवं एकता, भाईचारा का कार्यक्रम कहा है ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

भारतीय गणना

आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!