चोर अउ पुलिस,दूनो हरे साँथी ।पुलिस ह बबा,अउ चोर हरे नाती ।।ए मन के ,एके हरे जाती ।जइसे दीया अउ,ओकर बाँती ।।ये दूनो मन ले ,बच के राहव ।मोर संगी,अउ मोर साँथी ।।-खोरबाहरा राम साहू
आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!
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