सोमवार, 11 जुलाई 2011

बबा अउ नाती

चोर अउ पुलिस,
दूनो हरे साँथी ।
पुलिस ह बबा,
अउ चोर हरे नाती ।।
ए मन के ,
एके हरे जाती ।
जइसे दीया अउ,
ओकर बाँती ।।
ये दूनो मन ले ,
बच के राहव ।
मोर संगी,
अउ मोर साँथी ।।

-खोरबाहरा राम साहू

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आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!