सोमवार, 11 जुलाई 2011

मैं कौन हूँ ?

मैं कौन हूँ 
मुझे इक पहचान दीजिए ।
जी सकूँ हँस के
ऐसा अरमान दीजिए ॥

चला जा रहा हूँ 
बस मंजिल-ए-बिना ।
साहिल बन कोई
इक फरमान कीजिए ॥

फ़कत बाजार है
ये दुनिया झूठ-मूठ की ।
खत्म कर सकूँ ये तिलस्म
तीर कमान दीजिए ॥

फँस के रह गया हूँ मैं
दरिया में इस कदर ।
जिंदगी के भँवर से
अब निकाल दीजिए ॥

सिहर चला हूँ मैं
इन ग़मों की मार से ।
एक क़तरा सुकुन का
श्रीमान दीजिए ॥

करीब आ के भी
रूठ जाती है प्यारी खुशियाँ ।
रहे सदा साथ
ऐसा मेहमान दीजिए ॥

  
रमेश यादव
ग्राम-पेण्ड्रीपोष्ट-कलंगपुर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

भारतीय गणना

आप भी चौक गये ना? क्योंकि हमने तो नील तक ही पढ़े थे..!