तुँहर घर के बँटवारा के गोठ ला का गोठियावन बाबू..! हमरो घर मा उही आगी लगे हे।
(ii) सुभाव बिगड़ना। (स्वभाव बिगड़ना)
चाल मा तो आगी लगे हे, बात बर बजरंगा, तेकर कोन बिसवाँस करही।
(iii) गुँस्सा आना। (गुस्सा आना)
सुरूपनखा के नाक-कान ला कटाए देख के रावन के तन-बदन मा आगी लग गे रिहिसे।